शाहपुरा (जयपुर). क्षेत्र से गुजर रहे जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षित यात्रा की उम्मीद करना बेमानी है, क्योंकि वाहन चालकों ने हाइवे को पार्किंग स्थल बना रखा है. इतना ही नहीं, वाहन चालकों ने थ्री लेन और दो लेन पर वाहन खड़े कर रखा है. साथ ही, वाहन चालक अपने वाहनों को खड़े कर मरम्मत में जुटे रहते है. इससे यहां हमेशा दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.
बीते एक साल में हाइवे पर करीब 112 दुर्घटना के मामले दर्ज हुए है, जिनमे 44 लोग मौत के मुहं में चले गए. ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को इन वाहन चालकों की जानकारी न हो और उन्होंने कभी इन्हें हाइवे से हटाने के लिए प्रयास न किए हो, लेकिन प्रशासन की ओर से ठोस कार्रवाई के अभाव में व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है.
ऐसे में बीते एक साल में 44 लोग मौत के शिकार हो गए, जबकि 97 लोग घायल हो गए. जानकारी के अनुसार जयपुर से दिल्ली की यात्रा सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए फोर लेन को सिक्स लेन में परिवर्तित किया गया है. सिक्स लेन निर्माण के बाद भी इस हाइवे से सफर करना काफी जोखिम भरा है. शाहपुरा समेत आस-पास के इलाकों में सिक्स लेन पर वाहन चालकों की ओर से अपने वाहन सड़क पर खड़े कर देने से सिक्स लेन नाम मात्र की रह गई है.
हालात यह है कि कई बार तो सिंगल लेन ही खाली रहती है. वाहन चालकों की ओर से हाइवे पर वाहन खड़े कर देने से यह पार्किंग स्थल से नजर आता है. इस हाइवे से कई मंत्री और आला अधिकारी भी गुजरते है, लेकिन इन यमदूतों की ओर उनका कोई ध्यान नहीं जाता है. हालांकि पुलिस विभाग की ओर से समय-समय पर कार्रवाई करने और हाइवे पर खड़े रहने वाले वाहनों का चालान करने के दावे किए जाते है, लेकिन उन दावों और कार्रवाई की सच्चाई हाइवे पर खड़े वाहन चालक को देखकर पता चल जाती है.