राजाखेड़ा (धौलपुर).जिले के राजाखेड़ा उपखण्ड के ग्रामीण इस बार अच्छी फसल उत्पादन का सपना देख रहे थे, लेकिन दो साल के बाद इस साल भी चंबल नदी में आए उफान से किसानों के अरमान बाढ़ के पानी के साथ बह गए. बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित ग्रामीण अपनी किस्मत के साथ चंबल मैया को कोस रहे हैं. बाढ़ में फसल के साथ पशुओं का चारा और घरेलू सामान भी बर्बाद हो गया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में आई बाढ़ से हुए नुकसान का उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला (compensation of loss still awaited) है.
पूर्व में हुए नुकसान का अभी तक नहीं मिला मुआवजा:उपखंड के चंबल तटवर्ती गांव विगत दो सालों से लगातार बाढ़ की मार का दंश झेल रहे हैं. वहीं प्रभावित गांव के लोगों का आरोप है कि पूर्व में आई बाढ़ से हुए नुकसान का अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है. जिससे वे लगातार साल दर साल कर्ज तले दबते जा रहे हैं. हालांकि सरकार एवं प्रशासन की ओर से प्रभावित इलाकों में नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा दिलाए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन अब देखना होगा कि प्रभावित गांव के लोगों को मुआवजा जमीनी हकीकत पर कितना मिल पाता है या नहीं.