धौलपुर. राजस्थान में ग्राणीम अंचलों में कोरोना पांव पसारता जा रहा है. धौलपुर में भी गांवों में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. लेकिन कोरोना के डर के चलते लोग सही उपचार नहीं ले रहे हैं. बल्कि गांव में ही झोलाछाप नीक हकीमों से इलाज ले रहे हैं. इससे गांवों में कोरोना विस्फोट होने का खतरा बढ़ गया है.
जिले के अजीतपुर गांव में झोलाछाप डॉक्टर बिना मास्क और हाथों को बिना सैनिटाइज किए धड़ल्ले से ग्रामीणों का उपचार कर रहे हैं. इससे संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ रही है. ग्रामीणों ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर इंजेक्शनों का मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. हालांकि जिला कलेक्टर की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, ग्राम पंचायत सचिव और बीएलओ की टीम गठित की गई है. जिन्हें बुखार, खांसी या जुकाम है ऐसे लोगों का डोर-टू-डोर सर्वे कर मेडिकल किट बांटने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन इस काम में भी खानापूर्ति ही हो रही है.
बाड़ी उपखंड की ग्राम पंचायत अजीतपुर में अधिकांश घरों में लोग बीमार पड़े हैं. इसके बाबजूद लोग कोरोना के भय के कारण सरकारी चिकित्सालय में इलाज कराने से कतरा रहे हैं. लोगों का कहना है कि सरकारी चिकित्सालय में जाते ही कोरोना घोषित कर कोविड सेंटर भेज दिया जाता है. जहां पर लोग काल के गाल में समा जाते हैं.