राजाखेड़ा (धौलपुर). फिल्मकारों के लिए जेल हमेशा पसंदीदा विषय रहा है लेकिन जब जेल अधिकारी और फिल्मकार की जुगलबंदी मिलकर किसी कैदी की कहानी को रुपहले पर्दे पर उतारती है, तो वह ना केवल सत्य पर आधारित होती है बल्कि समाज के लिए एक संदेश से भरी होती है. कैदियों में सुधार पर आधारित फिल्म 'रोड टू रिफॉर्म' का सोमवार को मुख्यमंत्री वर्चुअल तरीके से रिलीज करेंगे.
कैदियों के प्रति समाज का नजरिया बदलने के लिए महानिदेशक कारागार राजीव दासोत ने यह कहानी रची है. मुंबई के मशहूर फिल्म निर्देशक और धौलपुर जिले के राजाखेड़ा निवासी संजीव शर्मा ने लगभग एक घंटे की फीचर फिल्म 'रोड टू रिफॉर्म' का निर्माण किया गया है. इस फिल्म को सोमवार को शाम 5 बजे प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने आवास से वर्चुअली रिलीज करेंगे. फिल्म के लेखक और निर्देशक संजीव शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से वित्त पोषित इस ऑडियो-विजुअल नवाचार का फिल्मांकन हाल ही में जयपुर के केंद्रीय कारागृह, महिला बंदी सुधार गृह और बंदी खुला शिविर सांगानेर में हुआ है.
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इस फिल्म की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें अभिनय करने वाले सभी पात्र महिला और पुरुष या तो बंदी हैं या जेल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हैं. बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राजस्थान कारागार विभाग बंदियों के कल्याण, सुधार तथा पुनर्स्थापन की ओर कार्य कर रहा है. इस फिल्म में समाज से आह्वान किया गया है कि वह बंदियों की रिहाई के बाद नवजात शिशु के रूप में स्वीकार कर उनके सुधार और पुनर्स्थापना में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें.
इस फिल्म के निर्माण में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस मालिनी अग्रवाल, महा निरीक्षक पुलिस आलोक वशिष्ठ, महानिरीक्षक कारागार विक्रम सिंह कर्णावत, उप महानिरीक्षक कारागार रेंज जयपुर मोनिका अग्रवाल, जेल अधीक्षक जयपुर राकेश मोहन शर्मा, कारापाल सोहनी देवी और महिला बंदी सुधार गृह एवं केंद्रीय कारागृह जयपुर के कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.