धौलपुर. चंबल में सहायक नदियों से पानी की आवक होने पर लगभग 10 क्यूसेक पानी मौजूदा वक्त में निकल रहा है. जिसे लेकर प्रशासन फिक्रमंद है. उनका तर्क है कि जिस अनुपात में पानी की आवक हो रही है, उससे जिले के 80 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है (Dholpur villages under Threat). जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश और हाड़ौती क्षेत्र में हुई बारिश के बाद गांधी सागर और काली सिंध से पानी को कोटा बैराज में रिलीज किया गया है.
कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के चलते चंबल के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. चंबल की सहायक नदियों का पानी भी प्रवेश कर रहा है. इससे लगभग 10 लाख क्यूसेक पानी जिले से होकर गुजर रहा है. धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा एवं सरमथुरा क्षेत्र के 80 गांव में अलर्ट जारी किया है. सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, दुर्गसी,शंकरपुरा समेत एक दर्जन और राजाखेड़ा क्षेत्र के अडवा पुरैनी, चिलपुरा, छाड़ियन का पुरा, घड़ी जाफर, डगरा, बर्सला समेत डेड दर्जन गांव में पानी भरना शुरु हो गया है. राहत और बचाव के लिए प्रशासन को तैनात किया गया है.
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जिन इलाकों में पानी भर गया है वहां एसडीआरएफ टीम (SDRF in Dholpur) की तैनाती की गई है. जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री और मेडिसन मौके पर ही उपलब्ध कराया जा रहा है. चंबल के निचले इलाकों में प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है. कलेक्टर ने जानकारी दी कि चंबल का खतरे का निशान 129.79 मीटर है. 130.79 मीटर से वार्निंग लेवल शुरू हो जाता है. वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर 136.80 मीटर पर है यानी खतरे के निशान से छह मीटर ऊपर चंबल बह रही है. जिस अनुपात में पानी की आवक हो रही है, उसके मुताबिक चंबल का जलस्तर 140 मीटर से ऊपर पहुंच सकता है.