धौलपुर. जिले के सैपऊ उपखंड इलाके में रजौरा-घुघरई माइनर नहर के निर्माण में संबंधित ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. एक तरफ नहर का निर्माण चल रहा है तो दूसरी तरफ पीछे से नहर की परत तेज तपन से दरारें दे रही है. कार्यकारी एजेंसी द्वारा खेती सिंचाई के लिए माइनर में कुलावे भी नहीं लगाए जा रहे हैं. इसे लेकर किसानों में आक्रोश और गुस्सा है.
जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर भी पहुंच रहे हैं. लेकिन निर्माण करा रही कार्यकारी एजेंसी की मिलीभगत के कारण अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. जब ईटीवी भारत का कैमरा माइनर की पटरी पर लगा तो ठेकेदार ने जेसीबी मशीन लगाकर पटरी को उखड़वाना शुरू कर दिया.
बता दें, जल संसाधन विभाग द्वारा किसानों की सिंचाई के लिए सैपऊ उपखंड इलाके की रजौरा खुर्द-घुघरई माइनर का निर्माण किया जा रहा है. इस माइनर के अंदर पार्वती डैम से पानी रिलीज किया जाता है जिससे किसानों को खेती के लिए बड़ी राहत मिलती है. हाल ही में जल संसाधन विभाग द्वारा वित्तीय स्वीकृति जारी कर माइनर निर्माण का टेंडर निजी ठेकेदार को दिया था.
ठेकेदार द्वारा माइनर निर्माण में घटिया और निम्न स्तर की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है. किसानों ने बताया संबंधित कार्यकारी एजेंसी द्वारा सीमेंट का कम उपयोग करने के साथ भारी तादाद में बजरी का उपयोग किया जा रहा है.
बजरी भी मिट्टी नुमा निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही है. किसानों का कहना है- नहर की पटरी को बहुत ही कमजोर सामग्री से बनाया जा रहा है. पानी का तेज बहाव होने पर माइनर कभी भी टूट सकती है. निर्माण कार्य की पानी से तराई नहीं होने पर पटरी चटकने लगी है.