धौलपुर. करौली-धौलपुर सांसद डा. मनोज राजोरिया ने केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2021 को कोविड-19 के उपरांत लॉकडाउन आदि के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए एक नवीन भारत-आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया. डॉ. राजोरिया ने कहा कि वर्तमान बजट पूर्णतः सबका साथ-सबका विकास की सोच को पूर्ण करता प्रतीत होता है. इस बजट पर कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों का प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है.
सांसद राजोरिया ने बताया कि कोरोना के समय केन्द्र सरकार द्वारा किया गया लॉकडाउन का निर्णय एक सही निर्णय था. जिसकी वजह से देश विश्व के अन्य देशों की तुलना में कम प्रभावित हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेहतरीन प्रशासनिक निर्णयों की बदौलत ही भारत आज विश्व को कोविड-19 की वैक्सीन निर्यात करने की स्थिति में आया है.
सांसद डा. राजोरिया ने बताया कि केन्द्रीय बजट 2021 में देश की अर्थव्यवस्था के सभी घटकों का ध्यान उचित तरीके से रखा गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में वित्तीय घाटे का 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान था, परन्तु यह 9.5 प्रतिशत रहा. आगामी वित्तीय वर्ष में इसे 6.8 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. कोरोना के चलते इस बजट का प्रमुख ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं पर रहा है. केन्द्र सरकार ने स्वास्थ्य के लिए बजट के प्रावधानों में 137 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 2.24 लाख करोड़ के प्रावधान किए हैं. कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान किए गए हैं. केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित 65000 करोड की 'प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना', राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आरंभ की जाएगी.
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इसी क्रम में 15 स्वास्थ्य इमरजेन्सी ऑपरेशन सेन्टर एवं 02 मोबाइल अस्पताल स्थापित किए जाने का प्रावधान इस बजट में किया गया है. इसके साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन का दक्षिण पूर्व एशिया का क्षेत्रीय रीसर्च कार्यालय भारत में स्थापित किया जाएगा. 09 बायोसेफ्टी लेवल लैबों को स्थापित किए जाने के साथ-साथ वायरोलॉजी के 4 नवीन राष्ट्रीय क्षेत्रीय संस्थान स्थापित किए जाएंगे.