धौलपुर.मूसलाधार बारिश के कारण चंबल नदी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. 1996 के बाद पहली बार चंबल का जल स्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से बढ़कर 144 मीटर से अधिक पहुंच चुका है. चंबल नदी के पुराने पुल पर करीब 5 फीट ऊपर पानी की चादर चल रही है. जिला प्रशासन ने नदी के तटवर्ती एवं निचले इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया है.
धौलपुर एवं हाड़ौती क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश एवं कोटा बैराज से करीब 1 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी के कारण चंबल का रौद्र रूप बराबर बना हुआ है. नदी में पानी की आवक तेजी से हो रही है, जिसकी वजह से परिस्थितियां बेहद जटिल और बेकाबू बनती जा रही हैं.
4 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ में घिरे : चंबल में लगातार पानी की आवक होने की वजह से सरमथुरा, धौलपुर, बाड़ी एवं राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 4 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. सरमथुरा उपखंड इलाके की झड़ी पंचायत समेत करीब एक दर्जन गांव बाढ़-आपदा से जूझ रहे हैं. उसके अलावा धौलपुर के मोरौली, बिछिया, बसई नीम, कामरे का पुरा समेत डेढ़ दर्जन गांव बाढ़ में घिरे हुए हैं.
राजाखेड़ा उपखंड इलाके के छाडियन का पुरा, अंडवा पुरैनी, चीलपुरा, गुनुपुर गोपालपुरा, खतपुर, दगरा, बरसला, घड़ी जाफर समेत दो दर्जन से अधिक गांव पानी से घिरे हुए हैं. लोगों के घरों में पानी घुसने से अनाज, कपड़े, बर्तन एवं पशुओं का चारा बर्बाद हो रहा है. सबसे अधिक समस्या मवेशी को बचाने के लिए खड़ी हो गई है. चारों तरफ पानी का सैलाब ही दिखाई दे रहा है. लोगों ने परिवार को सुरक्षित कर उचित टीले एवं सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है.
पढ़ें :जल पर विराम : मध्यप्रदेश में थमा बारिश का दौर, चंबल के बांधों में पानी की आवक हुई कम
SDRF की टीम कर रही रेस्क्यू :जिला प्रशासन द्वारा तैनात की गई एसडीआरएफ की टीम बुजुर्ग, गर्भवती महिला एवं बच्चों को निकालने के लिए रेस्क्यू कर रही है. स्ट्रीमर की मदद से एसडीआरएफ के जवान जान जोखिम में डालकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं. बाढ़ में फंसे हुए कुछ परिवारों के सामने खाने-पीने की भी मुसीबत खड़ी हो गई है, जिसे लेकर स्थानीय प्रशासन द्वारा खाने के पैकेट तैयार कराकर मंजिल तक पहुंचाए जा रहे हैं.
सैकड़ों बीघा खरीफ फसल बर्बाद : चंबल नदी में आई बाढ़ से नदी किनारे खड़ी सैकड़ों बीघा खरीफ फसल बर्बाद हो चुकी है. किसानों की बाजरा, दलहन, तिलहन, ग्वार की खड़ी फसल बाढ़ की चपेट में आ चुकी है, जिससे भारी नुकसान की संभावना दिखाई दे रही है. गांव में पानी भरने से बीमारी फैलने की संभावना भी बन रही है, जिसे लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल की टीम गांव-गांव भेजी जा रही है.
आपदा में ईटीवी भारत बना मददगार :ईटीवी भारत की टीम राजाखेड़ा उपखंड इलाके के अंडवा पुरैनी इलाके में हालातों का जायजा लेने पहुंची थी. जहां करीब आधा दर्जन गांव के ग्रामीण चारों तरफ से पानी में फंसे हुए थे. प्रशासन से संपर्क स्थापित कर एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया गया. सीओ मनोज गुप्ता द्वारा एसडीआरएफ के सहयोग से चाडीयन का पुरा गांव में बीमारी से जूझ रहे लोगों को रेस्क्यू किया गया.
पढ़े :Special : राजस्थान पहला प्रदेश जहां नगरीय निकायों में दिव्यांग जन को बनाया जा रहा मनोनीत पार्षद
विधायक रोहित बोहरा ने लिया हालातों का जायजा : राजाखेड़ा इलाके में आई बाढ़ का स्थानीय विधायक रोहित बोहरा ने जायजा लिया. प्रशासन को निर्देश देते हुए बोहरा ने कहा कि बाढ़ में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू करें. टेंट लगाकर आपदा में फंसे हुए लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की जा रही है. आपदा से जूझ रहे लोगों के लिए भोजन, मेडिकल एवं अन्य व्यवस्थाएं मौके पर ही मुहैया कराई जाएंगी.
उधर मौसम विभाग से मिली जानकारी में पूर्वी राजस्थान में मानसून का भारी दबाव बना हुआ है. लिहाजा 1 से 2 दिनों में अधिक बारिश की संभावना दिखाई दे रही है. जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपदा में धैर्य को बनाए रखें. प्रशासन मदद के लिए तत्पर खड़ा है.