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धौलपुर: तकनीकी कमी के कारण रोगी कल्याण आरोग्य समिति के गठन का विरोध कर रहे आयुर्वेद चिकित्सक, आंदोलन की चेतावनी

रोगी कल्याण आरोग्य समिति के गठन को लेकर राजस्थान आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ शाखा धौलपुर के जिलाध्यक्ष एवं राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय बाड़ी के पीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने राजस्थान आयुर्वेद विभाग विभाग की निदेशक सीमा शर्मा को ई-मेल भेज कर एक ज्ञापन प्रेषित किया है. इसमें उन्होंने रोगी कल्याण आरोग्य समिति में आ रही तकनीकी कमी के कारण इसे ग्रामीण क्षेत्र में ऑफलाइन करने की मांग की है.

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रोगी कल्याण आरोग्य समिति के गठन का विरोध कर रहे धौलपुर के आयुर्वेद चिकित्सक

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Published : Mar 20, 2021, 4:04 PM IST

धौलपुर. राज्य सरकार की पहल पर राजस्थान आयुर्वेद विभाग अजमेर की निदेशक सीमा शर्मा की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना में धौलपुर उपनिदेशक डॉ. अनिल चंसौंरिया ने रोगी कल्याण आरोग्य समिति गठन किए जाने के लिए जिले भर के अपने अधीनस्थ सभी आयुर्वेद चिकित्सालय के चिकित्सकों, कंपाउंडरों और अन्य कार्मिकों को 31 मार्च 2021 तक समिति का गठन कर रिपोर्ट पेश करने के लिए आदेशित किया है.

वहीं, रोगी कल्याण आरोग्य समिति के गठन में आ रही तकनीकी कमी के कारण इसे ग्रामीण क्षेत्र में ऑफलाइन करने को लेकर राजस्थान आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी संघ शाखा धौलपुर के जिलाध्यक्ष एवं राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय बाड़ी के पीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने विभाग की निदेशक सीमा शर्मा को ई-मेल भेज कर एक ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से जिलाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने रोगी कल्याण आरोग्य समिति गठन में आ रही तकनीकी कमी के कारण आरोग्य समिति के गठन को ग्रामीण क्षेत्र की दृष्टि से ऑफलाइन करने की मांग की है.

रोगी कल्याण आरोग्य समिति के गठन का विरोध कर रहे धौलपुर के आयुर्वेद चिकित्सक

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राजस्थान आयुर्वेद चिकित्साधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने ई-मेल के जरिए निदेशक को भेजे गए ज्ञापन में बताया है कि-धौलपुर जिले में आरोग्य समिति गठन में तकनीकी कमी आ रही है. आधार से लिंक नहीं हो पा रहा है और एसएसओ आईडी पासवर्ड नहीं बन पा रहा है. आरोग्य समिति गठन की स्थिति को देखते हुए फार्म पर गठन किया तो होना संभव है, लेकिन धरातल पर जोड़ने के लिए काफी कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार आरोग्य समिति का गठन किया जाना भविष्य में सुनिश्चित नहीं कर सकते हैं. तकनीकी दूरी को कमी कर या तो ग्रामीण क्षेत्र को इससे मुक्त रखा जाए या ऑफलाइन करने की छूट दी जाए. साथ ही भविष्य रोगी कल्याण समिति का गठन को लेकर फिर से विचार किया जाए.

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डॉ. वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में इसको बनाने में काफी कठिनाइयां आ रही है. इसे ऑनलाइन ना करके ऑफलाइन किया जाए, क्योंकि कोई आधार कार्ड और मोबाइल नंबर देना नहीं चाहता. साथ ही चिकित्सकों, कंपाउंडरों और अन्य कार्मिक कार्मिकों के पद खाली हैं. यादव ने कहा कि अगर हमें इस आदेश की पालना कराने के लिए 31 मार्च तक पाबंद किया गया तो इसे हम बिल्कुल मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में हम आंदोलन की राह पर होंगे और आंदोलन अब सड़कों पर आएगा.

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