धौलपुर. चंबल नदी से घड़ियाल एवं मगरमच्छों का निकलना शुरू हो गया है. घड़ियाल एवं मगरमच्छ अपने बच्चों के साथ धूप सेंकने के लिए चंबल नदी में स्थित रेत के टीले एवं टापुओं पर घंटों तक बैठे रहते हैं. वन्य जीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया कि धूप निकलने की वजह से सभी जलीय जीव धूप सेंकने के लिए पानी से बाहर आते हैं. कई प्रकार की प्रजातियों के कछुए भी इस झुंड में शामिल हो जाते हैं. सुबह 8 बजे के बाद जैसे ही धूप की पहली किरण चंबल नदी पर पड़ती है, जलीय जीवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
कई प्रवासी पक्षी पहुंचे चंबल:सर्दी का मौसम शुरू होते ही कई प्रवासी पक्षी भी भोजन की तलाश में चंबल नही पहुंच रहे हैं. मुन्ना निषाद ने बताया दिसंबर का महीना शुरू होते ही उत्तर एवं मध्य एशिया से बार हेडेड गॉस, स्कीमर,पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी चंबल पहुंच रहे हैं. बार हेडेड गॉस पक्षी मध्य एशिया में प्रजनन करता है और सर्दी के मौसम में चंबल नदी में भोजन की तलाश में पहुंचता है. इस पक्षी की रेड कलर की चोंच एवं पैर होते हैं. ये शिकार करने में माहिर माना जाता है. पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी लंबे आकार का होता है. इस पक्षी की चोंच काफी लंबी होती है. घात लगाकर शिकार करने में इसको माहिर माना जाता है. स्किमर पक्षी का मध्य एशिया में प्रजनन होता है. ये दिसंबर से लेकर फरवरी तक चंबल एवं रामसागर बांध में शिकार की तलाश में भटकता रहता है. यह पक्षी शिकार करने के लिए पानी के ऊपर घंटों तक उड़ता रहता है. पानी के अंदर शिकार करने में इसको दक्षता हासिल है.