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धौलपुर: मनरेगा योजना में 49 लाख से अधिक के गबन का भंडाफोड़, MIS मैनजर 2015 से कर रहा था घोटाला - MGNREGA scam in dholpur

धौलपुर जिले की बाड़ी पंचायत समिति में मनरेगा योजना में बड़े घोटाले का भंडाफोड़ हुआ है. मनरेगा योजना के एमआईएस मैनजर ने श्रमिकों की मस्टरोल का ऑनलाइन आवेदन कर 49 लाख से अधिक की राशि का घोटाला किया है. साल 2015 से एमआईएस इस गबन को अंजाम दे रहा था. प्रकरण में पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने मनरेगा एमआईएस के खिलाफ फर्ज कारी का मामला दर्ज कराया है.

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मनरेगा योजना में घोटाला

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Published : May 19, 2020, 4:54 PM IST

धौलपुर.जिले के पंचायती राज में मनरेगा योजना के तहत बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है. बाड़ी पंचायत समिति की 36 ग्राम पंचायत में मनरेगा के एमआईएस मैनेजर ने ऑनलाइन मनरेगा श्रमिकों की फर्जी मस्टरोल भरकर राजकीय राशि का गबन किया है.

विकास अधिकारी रामजीत सिंह ने बताया वर्ष 2015-16 से आरोपी एमआईएस ने घोटाले की शुरुआत की थी. आरोपी के साथ घोटाले में उसकी पत्नी भी शामिल रही है. आरोपी सुमित बघेल खुद के कंप्यूटर में मनरेगा श्रमिकों की फर्जी तरीके से मस्टरोल ऑनलाइन करता था. आरोपी ने बाड़ी पंचायत समिति की 36 ग्राम पंचायतों में फर्जी मस्टररोल को ऑनलाइन किया है. आरोपी एमआईएस ने 34 लाख 85 हजार 454 रुपए की राशि को खुद के 4 खातों में ट्रांसफर कराया था. आरोपी के साथ एक खाता उसकी पत्नी का भी शामिल रहा है. आरोपी सुमित बघेल ने राशि को उठाकर मस्टरोल के साक्ष्य को भी कंप्यूटर डाटा से डिलीट कर दिया है.

मनरेगा योजना में घोटाला

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विकास अधिकारी ने बताया ब्याज सहित आरोपी ने 49 लाख 84 हजार 426 रुपए का राजकीय गबन किया है. ये राशि मनरेगा श्रमिकों की थी. विकास अधिकारी ने बताया मनरेगा श्रमिकों के शिकायत करने पर मामला संज्ञान में आया था. शिकायत का भौतिक सत्यापन कराने पर पूरे मामले का राजफास हुआ था. प्रकरण में मनरेगा एमआईएस मैनेजर सुमित बघेल के खिलाफ राजकीय राशि के गबन का मामला बाड़ी कोतवाली थाना पुलिस थाने में दर्ज करवाया गया है. पुलिस के समक्ष दर्ज कराए गए मामले में विकास अधिकारी ने 36 ग्राम पंचायत के गबन के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं.

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वहीं थाना प्रभारी रूप सिंह ने बताया विकास अधिकारी की ओर से दी गई तहरीर पर आरोपी एमआईएस के खिलाफ घोटाले का अभियोग पंजीबद्ध किया है. विकास अधिकारी की तरफ से घोटाले से संबंधित साक्ष्य और दस्तावेज पेश किए गए हैं. प्रारंभिक अनुसंधान में मामला 49 लाख से अधिक की राशि के घोटाले का सामने आया है. आरोपी मनरेगा एमआईएस को शीघ्र गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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