दौसा. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते देशभर में लागू हुए लॉकडाउन में सभी काम ठप हो गए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने मजदूरों का हित देखते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य शुरू किया है. पिछले 20 अप्रैल से ही प्रदेश में महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य कराए जा रहे हैं.
बता दें कि दौसा में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए श्रमिक महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत कार्य कर रहे हैं. लॉकडाउन को देखते हुए सरकार ने नरेगा मजदूरों की मजदूरी में भी बढ़ोत्तरी की है. पूर्व में नरेगा मजदूरों को 198 रुपए प्रतिदिन मिलते थे. वहीं अब उनकी मजदूरी 220 रुपए प्रतिदिन कर दी गई है. नरेगा कार्य के दौरान कोराना वायरस का संक्रमण ना फैले इसके लिए प्रत्येक मजदूर को चार बार साबुन से हाथ धोने के लिए पाबंद किया गया है और नरेगा साइट पर साबुन भी उपलब्ध कराए गए हैं.
कोरोना संकट में ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को बड़ी राहत कोरोना के चलते बंद हुए मनरेगा कार्य पुन शुरू किये गए है. नरेगा कार्यों में शुरुआत में सोशल डिस्टेंसिंग की कठोरता से पालना के चलते कम कार्य स्वीकृत हो पाए थे, लेकिन अब सरकार ने कच्ची मिट्टी के अनेक कार्य स्वीकृत किए हैं. बता दें कि करीब 14 हजार 935 मजदूर काम पर लगे हुए है. इनके काम करन का समय सुबह 6 बजे से दिन के 1 बजे तक का है.
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जिला परिषद सीईओ लक्ष्मीकांत बालोत ने बताया कि दौसा जिले में वर्तमान में लगभग 15 हजार श्रमिक मनरेगा कार्य के तहत मजदूरी कर रहे हैं और आगामी सप्ताह में करीब 30 हजार मनरेगा मजदूरों को काम दिया जाएगा. लॉकडाउन के चलते शहरों में मजदूरी करने वाले मजदूर बेरोजगार हो गए हैं. ऐसे में सरकार ने इस संकट की घड़ी में नरेगा कार्य शुरू करके मजदूरों को राहत दी है. ऐसे में मजदूर भी अब सरकार का आभार जता रहे हैं.