दौसा. देश में कोरोना के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे है. जिसको देखते हुए सरकार ने कई तरह की गाइडलाइन भी जारी की है. वहीं, दौसा में मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं ने लोगों को स्थानीय भाषा में गीत गाकर जागरूक करने का प्रयास किया है. जिससे लोग महामारी के दौर में अपने घरों पर सुरक्षित रहे. इसके साथ ही मनरेगा में काम करने वाली महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान होने वाली दिक्कतों के बारे में भी बताया.
दौसा में महिलाएं कर रही लोगों को जागरूक कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है और इसकी अभी कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है. ऐसे में भारत सरकार और राज्य की गहलौत सरकार कोरोना के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि लोग कोरोना से बचाव के तरीके समझे और सतर्क रहें, सुरक्षित रहें.
वहीं, सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के कारण मनरेगा मनरेगा मजदूरों को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा था. जिसको लेकर मजदूरों का कहना है कि सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के कारण उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति खड़ी हो गई थी, लेकिन सरकार के पुन: काम शुरू करने से उन्हें काफी संबल मिला है.
जागरूकता के लिए महाअभियान
इसके साथ ही जन जागरूकता के लिए प्रदेश सरकार ने महा अभियान भी छेड़ रखा है. इस महाअभियान की अच्छी और आकर्षक तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं. ये तस्वीर आई हैं दौसा जिले के सूरजपुरा गांव से. यहां कोरोना जन जागरूकता अभियान के तहत सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक रामजीलाल मीणा के निर्देशन में दौसा जिले के सूरजपुरा गांव में मनरेगा स्थल पर कोरोना जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया.
महिलाएं दे रही लोगों को सीख
दौसा विकास अधिकारी नाहर सिंह मीणा मनरेगा कार्य कर रही महिलाओं को कोरोना से बचाव के तरीके और सतर्क रहने की सीख दे रहे हैं. इस दौरान अधिकारियों ने हमेशा मुंह पर मास्क लगाए रखना और 2 गज की दूरी बनाने का संकल्प दिलाया. इसके साथ ही साबुन से हाथ धोने के महत्व के बारे में भी समझाया. इस कोरोना जन जागरूकता अभियान के दौरान महात्मा गांधी मनरेगा योजना में कार्य कर रही ग्रामीण महिलाओ में भी जागरूकता देखी जा सकती हैं. मनरेगा की सभी महिलाएं और कार्मिक सोशल डिस्टेंस रखते हुए मनरेगा का कार्य कर रहे हैं.
मनरेगा मजदूर रख रहे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान
मनरेगा में कार्य करने वाली महिलाओं का कहना है कि वे 2 गज की दूरी रखेंगी. साथ ही मास्क भी लगाएंगी. इसके अलावा घर में छोटे बच्चों और बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलने के लिए पाबंद भी करेंगी. इस जन जागरूकता अभियान की अच्छी तस्वीर देखने को मिली जब अधिकारी महिलाओं को कोरोना से बचाव के तरीके समझा रहे थे. उसी दौरान महिलाओं ने स्थानीय गायकी मीणावाटी में गीत गाना शुरू कर दिया और गीतों के माध्यम से कोरोना से हो रही परेशानी और उनके बचाव के बारे में बताया.
नरेगा मजदूर रख रहे सोशल डिस्टेंसिंग आपको भी सुनाते है मनरेगा मजदूरों की ओर से स्थानीय भाषा मे गाए गए कोरोना से जुड़े गीत. ये ग्रामीण महिलाएं कोरोना को लेकर जागरूक नजर आ रही हैं और डिस्टेंस बनाकर अपना कार्य भी कर रही हैं. ऐसे में इन महिलाओं से हमें सीख लेनी होगी और कोरोना को देखते हुए हमें सतर्क और सुरक्षित रहना होगा ताकि हमारा जिला, हमारा राज्य और हमारा देश इस कोरोना वैश्विक महामारी से बच सके.
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कोरोना को लेकर महिलाओं ने गाया गीत
महिलाओं ने स्थानीय भाषा में गाया गीत कोरोना को लेकर गीत गाकर संदेश देने वाली इन महिलाओं की जागरूकता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूरी पर बनी सूरजपुर ग्राम पंचायत पिछले 3 महीने के संक्रमण काल में कोरोना से बची हुई है, दर्जनों की तादाद में ग्राम पंचायत में बाहर से प्रवासी लोग भी आए हैं, लेकिन ग्रामीणों की जागरूकता के चलते ग्राम पंचायत में आज तक कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं पाया गया.