दौसा. जिले के सिकराय में उपखंड कार्यालय के बाहर एक परिवार पिछले 2 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है. धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि सिकराय की जींद की ढाणी में करीब 200 लोगों का परिवार निवास करता है, लेकिन निकलने के लिए रास्ता नहीं है. इस कारण करीब चार महीने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. अस्पताल जाने के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ता है. वहीं, सिकराय एसडीएम नवीन कुमार का कहना है कि धरने पर बैठे ग्रामीणों से समझाइश कर धरना समाप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
दरअसल, दौसा जिले के सिकराय उपखंड के जोध्या गांव में स्थित जींद की ढाणी में रहने वाले लोगों के लिए रास्ता नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों ने रास्ता निकालने के लिए एसडीएम न्यायालय में रास्ता निकालने की मांग की थी. कई वर्षों तक मामला न्यायालय में विचाराधीन था. एक माह पहले एसडीएम कोर्ट ने रास्ता स्वीकृत किया था, जिसकी डीएलसी दर के हिसाब से ग्रामीणों ने राशि भी जमा करवा दी थी. साथ ही तहसील कार्यालय से नामांतरण खोलकर रास्ते को राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज कर लिया. इस दौरान कोर्ट ने एक महीने पूर्व राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता शुरू करवाने के निर्देश दिए थे.
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तीन बार आदेश निकलने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई :धरने पर बैठे ग्रामीणों का कहना है कि एसडीएम कोर्ट की ओर से राजस्व और पुलिस अधिकारियों को रास्ता खुलवाने के लिए सबसे पहले 29 दिसंबर को रास्ता चालू करवाने के लिए निर्देश दिए थे. इसके बाद 4 जनवरी को आदेश जारी हुआ, लेकिन तब रास्ता नहीं निकाला गया था. वहीं, 11 जनवरी को फिर से आदेश जारी हुए. इस दौरान ढाणी में रहने वाले लोगों ने अपने निजी खर्चे पर जेसीबी सहित अन्य संसाधन जुटा लिए, लेकिन तब भी रास्ता नहीं खुलवाया गया.