दौसा. 20 घंटे तक शव को रखकर प्रदर्शन करने के बाद श्मशान में जगह नहीं मिलने के कारण निजी भूमि पर शव का अंतिम संस्कार किया गया है. मामला जिले के सदर थाना क्षेत्र के कालाखो के पास चैना का बास गांव का है, जहां सोमवार को खाना बनाने के लिए लकड़ियां लेने मकान में घुसी महिला की मकान की पट्टियां गिर जाने से नीचे दबने से मौत हो गई. इसके बाद महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर खंडहरनुमा घर की ओर ग्रामीण दौड़े और ग्रामीणों ने जाकर उसे बाहर निकाला. इसके बाद परिजनों ने महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया.
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ग्रामीणों ने बताया कि प्रभाती देवी सोमवार को खाना बनाने के लिए खंडहरनुमा मकान में रखे ईंधन के लकड़ियां लेने गई थी, लेकिन लकड़ियां लेकर निकलने लगी. इस बीच मकान की पट्टियां टूट कर महिला के ऊपर गिर पड़ी. महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला, लेकिन महिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया, लेकिन इस पूरे मामले में चैना के बास गांव में श्मशान भूमि नहीं होने और पास के गांव पुरोहितों का बास में बने श्मशान घाट में पानी भर जाने के चलते ग्रामीणों ने अपने गांव के लिए चरागाह भूमि में शमशान की मांग करते हुए 20 घंटे तक शव को रखकर प्रदर्शन किया.
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वहीं अंत में ग्रामीणों की सुनवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने मंगलवार को महिला को निजी भूमि पर उसके ही खेत में ही अंतिम संस्कार किया. पूरे मामले को लेकर सदर थाना प्रभारी बनवारी लाल मीणा का कहना है कि ग्रामीण श्मशान भूमि को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. प्रशासन के पास उनके मांग पहुंचा दी गई है, ग्रामीणों को समझाकर शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया है.