दौसा :भारत में 1 जुलाई को और अमेरिका में 30 मार्च को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जाता है. यह दिन सभी डॉक्टरों को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है. भारत में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने का इतिहास काफी गौरवमयी है. एक आम जिंदगी में डॉक्टर का कितना महत्व है, हम यह अच्छी तरह से जानते हैं. डॉक्टर को इंसान के रूप में भगवान के समान माना जाता है. यह आज के संदर्भ एक दम सटीक हो सकता है जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से पीड़ित है ऐसे में डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों के जीवन की रक्षा कर रहे हैं.
डॉक्टर्स डे पर ETV भारत ने दौसा के कुछ चिकित्सकों से बात की और आज के दिन को मनाने के पीछे का कारण जाना. महिला विशेषज्ञ डॉ. ऋतु शर्मा बताती हैं कि 1 जुलाई को डॉक्टर बिधान चंद्र राय की जन्मदिन और मृत्यु दिवस दोनों एक साथ आते हैं. वह एक महान चिकित्सक थे. उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका किया है. वो स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं, उन्हीं की याद में देश में 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है.
'पेशेंट की भावनाओं का करें सम्मान'
डॉक्टर ऋतु शर्मा ने कहा कि हम डॉक्टरों को डॉ. बिधान चंद्र राय के जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतार कर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर देखा जाता है कि दिन-ब-दिन पेशेंट और डॉक्टर के बीच झगड़े बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में डॉक्टर्स को अपने पेशेंट को पूरा समय देना चाहिए, पेशेंट की पूरी बात सुननी चाहिए. उसको समझाने की कोशिश करनी चाहिए. जिससे पेशेंट और डॉक्टर के बीच की दूरियां कम हो सके.
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जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ विशेषज्ञ फिजिशियन डॉक्टर आरडी मीणा का कहना है कि वैसे तो वह इस फील्ड में पिछले 20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं, लेकिन कोरोला काल में जो अनुभव हुए वह चिर स्मरणीय होंगे. जिले में कोरोना के मरीजों को ठीक करने की जिम्मेदारी जब अचानक डॉक्टर आईडी मीणा के ऊपर आ गई, तो उन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया.
'कभी-कभी बनना पड़ता है अभिभावक'