दौसा. आपने नौकरशाहों को अपना दायित्व निभाते जरूर देखा होगा. किसी भी अधिकारी में हर वो गुण होना जरूरी है जो लोगों से भरे एक बड़े तबके को संभाल सके. हर तरह के छोटे-बड़े फैसले लेने की क्षमता होना और नई योजनाओं को नीति-नियमों के साथ उसका क्रियान्वयन करवाना, जैसी कई बातें हैं जो एक अधिकारी में देखी जाती है. इन सबके साथ ही एक अधिकारी को सौम्य, सरल और विनम्र होना अनिवार्य है. ऐसे सभी गुणों से परिपूर्ण आपको रू-ब-रू करातें हैं एक ऐसे IAS अधिकारी से जो पंजाब के फरीदकोट संभाग में संभागीय आयुक्त पद पर आसीन हैं. आप जानकर हैरान होंगे कि वह एक 'चरवाहे' भी हैं.
सुमेर सिंह गुर्जर दौसा के सिकराय उपखंड के धूलकोट गांव के रहने वाले हैं. वे 1998 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और पंजाब के फरीदकोट संभाग में संभागीय आयुक्त पद पर आसीन हैं. उनके ऊपर चार जिलों की जिम्मेदारी है, लेकिन सुमेर सिंह का पशुओं के प्रति ऐसा प्रेम है कि वे अपनी सर्विस में से कुछ समय निकालकर पशुओं की सेवा करते हैं. उन्हें चराने के लिए खेतों में ले जाते हैं.
निवास स्थान पर ही पाली हुई हैं गायें...
IAS सुमेर ने अपने निवास स्थान पर ही तीन-चार गायें पाली हुई हैं. रविवार के दिन समय निकालकर वह अपने कार्यस्थल पर भी गोवंश को चराने के लिए ले जाते हैं. सुमेर सिंह का पशुओं के प्रति लगाव ही ऐसा है कि उन्होंने अपने गांव धूलकोट में एक गौशाला भी खोल रखी है.
यह भी पढे़ं-न ठंडा पानी, न टेंट की व्यवस्था...प्रचंड गर्मी में 'मनरेगा' श्रमिकों ने कुछ यूं किया दर्द बयां
इस गौशाला में सैकड़ों की तादाद में गोवंश हैं. सुमेर सिंह गुर्जर जब भी गांव आते हैं. फुर्सत के समय में गोवंश को चराने के लिए निकल जाते हैं. साथ ही उनके खाने-पीने का भी सारा बंदोबस्त देखते हैं. सुमेर सिंह गुर्जर का कहना है कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनने से पहले अपने गांव में पशु चराया करते थे, इसीलिए उनका गोवंश के साथ आज भी लगाव है. वह जब भी गांव आते हैं तो अधिकांश समय गौशाला में गोवंश के बीच ही बिताते हैं.