किरोड़ीलाल मीणा ने राहुल गांधी पर साधा निशाना दौसा. "देश के उपराष्ट्रपति का पद एक संवैधानिक पद है. इस पर एक किसान का बेटा बैठा है. देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ देश के किसान के बेटे हैं, लेकिन I.N.D.I. अलायन्स के लोग उनका मजाक उड़ा रहे हैं. ये मजाक जगदीप धनखड़ का नहीं, बल्कि देश के किसान और उपराष्ट्रपति का उपहास है. इसके लिए I.N.D.I. अलायन्स और विशेषकर राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए." गुरुवार को जयपुर से दौसा आए सवाई माधोपुर से भाजपा विधायक किरोड़ीलाल मीणा ने मीडिया से बातचीत में ये बातें कही.
उन्होंने आगे कहा कि मर्यादा में रहकर विरोध करना जायज है, लेकिन जब उपराष्ट्रपति की मिमिक्री चल रही थी, उस वक्त खुद राहुल गांधी वहां खड़े होकर वीडियो बना रहे थे. उनका आचरण इतना गिर गया कि वो मर्यादाहीन होकर देश के संवैधानिक पद उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ा रहे हैं. ये देश बर्दास्त नहीं करेगा.
उन्होंने कहा कि चाहे लोअर हाउस हो या अपर हाउस, अगर वहां आचरण ठीक नहीं होगा तो सभापति और स्पीकर को आचरण हीन व्यक्ति को सदन से बाहर करने का अधिकार है. ऐसा अभी नहीं हुआ, इंदिरा गांधी के समय में तो बहुत सांसदों को एक साथ बाहर निकाल दिया गया था. ये संसद की परंपरा है कि जो आचरण ठीक नहीं करता, उसे निलंबित कर दिया जाता है.
पढ़ें :जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने को SC ने बताया वैध, भाजपा विधायक किरोड़ी लाल मीणा ने कही ये बात
राजस्थान में जल्द होगा मंत्रिमंडल का गठन : वहीं, उन्होंने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में कहा कि यह एक चिंता का विषय है कि संसद की दर्शक दीर्घा में समाजकंटक घुस जाए. इसकी जांच चल रही है. गिरफ्तारी भी हुई है. उन्हें कठोर सजा दिलाने के लिए सरकार सख्त है. साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल का गठन जल्दी ही होगा. उन्होंने खुद के मंत्री मंडल में जगह मिलने के सवाल पर कहा कि मैं सड़क छाप आदमी हूं, मंत्री पद मिलने के बाद भी सड़क पर ही बैठूंगा.
राष्ट्रीय मुद्दों पर बोलने का सभी को हक है. बुधवार को दौसा सांसद जसकौर मीणा ने संसद में कहा था की महिलाओं को संसद में बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. उनके इस बयान को विधायक डॉक्टर मीणा ने गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा क्यों बोला पता नहीं, लेकिन उनको तो बोलने का सबसे ज्यादा मौका दिया गया है. वहीं संसद में सभी को बोलने का मौका मिलता है, जो राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा प्रमुखता से उठाता है, वो महिला हो या पुरुष उसी को मौका दिया जाता है. यहां जेंडर के आधार पर किसी को मौका नहीं मिलता.