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Exclusive : कई बार बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने पर मुझे धमकियां दी जाती हैं : संगीता बेनीवाल

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Published : Dec 23, 2020, 3:42 PM IST

राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बाल अधिकारों के संबंध में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि कैसे वह लड़कियों को 'गुड टच बैड टच' और बाल विवाह के लिए प्रति जागरूक कर रही हैं. साथ ही बाल विवाह रोकने के लिए भी लोगों को सचेत कर रही हैं. पढ़ें पूरी खबर...

राजस्थान बाल आयोग, Rajasthan Children Commission
राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल

दौसा. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने दौसा सर्किट हाउस में बाल अधिकारों के संबंध में ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जहां उन्होंने कहा कि हम बच्चों को घर-घर जाकर जागरूक रहे हैं. संगीता बेनीवाल ने कहा कि जब हमने राजस्थान बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण किया था, तब बच्चों को बाल अधिकार आयोग एवं बाल अधिकारों के बारे में बिलकुल भी जानकारी नहीं थी.

दौसा सर्किट हाउस में बाल अधिकारों के संबंध में ईटीवी भारत से खास बातचीत की

लेकिन उसके बाद मैंने और आयोग के सदस्यों ने सभी जिलों और तहसीलों की स्कूलों और बालगृहों में और विभिन्न केंद्रों पर जाकर बच्चों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक किया. राजस्थान बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि हम बच्चों को उनके अधिकारों के लिए और लड़कियों को गुड टच बैड टच और बाल विवाह के लिए प्रति जागरूक कर रहे हैं जिसके परिणाम भी आने लगे हैं.

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कई लड़कियां और उनकी सहेलियों के हमारे पास फोन आते हैं और अपने परिजनों के खिलाफ बाल विवाह की शिकायत करती हैं, तो उनके साथ हुए दुष्कर्म के बारे में जानकारी देती हैं. जिस पर हमने कार्य करते हुए कई दोषियों को सजा भी दिलवाई है. आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने अपने 2 दिन के भरतपुर दौरे को लेकर कहा कि भरतपुर में बाल अधिकारों की जागरूकता को लेकर अधिक कार्य करने की और आवश्यकता है, क्योंकि भरतपुर से कई बार शिकायतें आती रहती हैं और भरतपुर के किशोर गृह से बच्चों की शराब पार्टी का वीडियो भी वायरल हुआ है. इसका मुख्य कारण है कि भरतपुर बाल अधिकारों को लेकर काफी पिछड़ा हुआ है.

लड़कियों को गुड टच बैड टच और बाल विवाह के लिए प्रति जागरूक कर रही है

अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि सरकार बाल अधिकारों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है और इसीलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार बाल अधिकारों के लिए 100 करोड़ रुपए का अलग से बजट दिया है. अब तक की सरकारें बाल अधिकारों के लिए कभी अलग से बजट नहीं देती थीं, लेकिन जब हमने प्रदेश का दौरा किया और बाल अधिकारों के लिए सरकार को बताया तो सरकार ने बच्चों के साथ अपनी संवेदनशीलता दिखाते हुए उनको जागरूक करने के लिए और बालिकाओं के विकास के लिए अलग से 100 करोड़ पर का बजट दिया.

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बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की मुख्यमंत्री जब अपनी सरकार के मंत्रियों से नहीं मिलतीं तो बच्चों से कहां से मिलेंगी. इसी वजह से पिछले 5 वर्ष के कार्यकाल में बाल अधिकारों को लेकर प्रदेश में बिलकुल भी कार्य नहीं हुआ. अगर भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश में बाल अधिकारों को लेकर कार्य किए होते तो आज हमें बच्चों के अधिकारों को जागरूक करने के लिए इतनी दौड़-धूप नहीं करनी पड़ती. गहलोत सरकार बाल अधिकारों को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है. सरकार ने कोरोना काल में भी बेहतरीन कार्य किया है और इसीलिए केंद्र की भाजपा सरकार ने भी गहलोत सरकार की प्रशंसा की है और कहा है कि अन्य राज्यों को भी राजस्थान सरकार से सीखना चाहिए.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बाल आयोग के अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि मैं बाल आयोग की अध्यक्ष और एक मां होने के नाते बच्चों के लिए बेहतरीन कार्य करती हूं, लेकिन फिर भी आप कोई अच्छा कार्य करो तो समस्याएं तो आती ही हैं और मुझे भी आती हैं. कई बार बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने पर लोग मेरे खिलाफ होते हैं और मुझे भी कई बार धमकियां दी जाती हैं, लेकिन मैं धमकियों से डरने वाली नहीं हूं. मैंने पूरे प्रदेश में बच्चों को उनके अधिकारों के लिए जागरूक करने का जिम्मा उठाया है और मैं अपने अपनी जिम्मेदारी के लिए पूरी अड़ी रहूंगी .

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