दौसा. मीजल्स रूबेला को लेकर आरसीएमएचओ रामफल मीणा ने बताया कि मीजल्स रूबेला बच्चों में होने वाली एक खतरनाक बीमारी हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है. इसका बीमारी के होने से पूर्व में ही टीकाकरण करवाना आवश्यक है. जिससे कि बच्चों में मीजल्स रूबेला के वायरस पैदा नहीं हो सकेंगे और ना हीं उनमें फैलेंगे.
'बच्चों के लिए जानलेवा बीमारी हैं मीजल्स रूबेला...टीकाकरण से ही बचाव सम्भव' - mbkko
बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी मीजल्स रूबेला के बचाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद हो गया है. जिसको लेकर जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक लेकर जिले के 9 माह से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे को टीकाकरण करने के निर्देश दे दिए हैं.
जिसको लेकर दौसा स्वास्थ्य विभाग आगामी 22 जुलाई से मिजल्स रूबेला टीकाकरण अभियान जिला स्तर पर शुरू करने जा रहा है. जिसमें जिले के समस्त स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों और घर-घर जाकर 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा.
आरसीएमएचओ न मीणा ने बताया कि इस बीमारी के लक्षणों में डायरिया, नाक बहना, सर्दी, शरीर पर दाने होना इत्यादी हैं. इस तरह के लक्षणों से मीजल्स रूबेला का पता लगाया जा सकता है. मगर यह एक खतरनाक बीमारी है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है. इसीलिए इसके बचाव के लिए 22 जुलाई से जिले में टीकाकरण अभियान शुरू किया जा रहा है जो कि बच्चों में टीके लगवाना आवश्यक है.