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दौसा में पुलिसकर्मी बना बदमाशों की गोली का शिकार, चार माह बाद भी परिजनों को नहीं मिली मदद, समाज ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन, आंदोलन की दी चेतावनी - पुलिसकर्मी प्रह्लाद सिंह की गोली मार कर हत्या

Dausa Policeman Murder Case, दौसा में चार माह पहले पुलिसकर्मी प्रह्लाद सिंह की बदमाशों ने ड्यूटी के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद तत्कालीन गहलोत सरकार ने मृतक जवान के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद व अनुकंपा नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक मृतक के परिवार को सरकार से कोई मदद नहीं मिली है. ऐसे में सोमवार को राजपूत समाज के लोगों कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर प्रशासन को आगे उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

Dausa Policeman Murder Case
Dausa Policeman Murder Case

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 18, 2023, 3:36 PM IST

राजपूत समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट के बाहर किया प्रदर्शन

दौसा.जिले में करीब चार माह पहले बदमाशों को पकड़ने गए जिला स्पेशल टीम के जवान प्रह्लाद सिंह की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस दौरान तत्कालीन राज्य सरकार ने मृतक जवान के परिजनों को एक करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज व अनुकंपा नौकरी देने की घोषणा की थी, लेकिन इस दुखद घटना के चार माह बाद भी मृतक के परिवार को सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है. ऐसे में मृतक जवान के परिजनों को आर्थिक पैकेज और अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को राजपूत समाज सहित अन्य समाज के लोगों ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले में जल्द कार्रवाई की मांग की.

इस पर जिला कलेक्टर कमरउल जमाल चौधरी ने ज्ञापन देने आए लोगों को जल्द ही मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया. वहीं, ज्ञापन देने से पहले सर्व समाज के लोगों ने मृतक जवान की तस्वीर के साथ सोमनाथ चौराहे से लेकर कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला.

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मृतक जवान की वीरांगना को नहीं मिला कोई लाभ :इस दौरान दौसा राजपूत सभा के अध्यक्ष रामसिंह राजावत ने कहा कि डीएसटी जवान की चार महीने पहले बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस संबंध में तत्कालीन राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार के लिए कई घोषणाएं की थी, लेकिन अभी तक किसी भी तरह का लाभ मृतक जवान की पत्नी और उनके परिजनों को नहीं मिला है. ऐसे में हमारी मांग है कि जवान प्रह्लाद सिंह की पत्नी को दौसा में आवास मिले. साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी और प्रह्लाद सिंह को शहीद का दर्जा के अलावा गैलेंट्री अवार्ड के लिए भारत सरकार को भेजा जाए. उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो आगे हम उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.

प्रशासन को दिया 15 दिन का समय :समाजसेवी मनोज राघव ने कहा कि पिछली सरकार ने प्रह्लाद सिंह की हत्या के बाद जो भी घोषणा की थी, वो चार महीने बाद भी पूरी नहीं हुई है. यही वजह है कि सर्व समाज के लोग नाराज हैं. ऐसे में हमारी मांग है कि 15 दिन के भीतर प्रशासन हमारी 6 मांगों को पूरी करे. अगर 15 दिन में हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम उग्र आगे आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.

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