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दौसा: मछलियों को बचाने के लिए आगे आए समाजसेवी...टैंकरों से भर रहे तालाब में पानी

दौसा में समाजसेवियों ने मछलियों को बचाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए लोगों ने सूरजपुरा बांध में आधा दर्जन टैंकरों से पानी डाला. गर्मी का मौसम आने से बांध में पानी की कमी हो गई थी जिससे मछलियां मरने लगी थीं. ऐसे में लोगों ने बांध में पानी डालकर मछलियों को जीवनदान दिया.

People put water in Surajpura Dam, Latest news of dausa
सूरजपुरा बांध में लोगों ने डाला पानी

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Published : Feb 27, 2021, 7:53 PM IST

दौसा. बारिश का मौसम आते ही जिले के सभी नदी, नालों और तालाबों में पानी भर जाता है. जिनमें से कुछ बड़े बांध और तालाबों में पानी लंबे समय के लिए भरा रहता है. जिसके चलते उन तालाब और बांधों में मछलियां पैदा हो जाती है. लेकिन बारिश की कमी होने के चलते बांधों का पानी साल भर के लिए भी भरा नहीं रहता. वह धीरे-धीरे सूखने लग जाता है. जिससे मछलियां मरने लगती है.

मामला दौसा जिला मुख्यालय के समीप सूरजपुरा बांध का है, जहां बरसात के दौरान बांध पानी से लबालब भर गया था और उसमें मछलियां भी पैदा हो गई थी. जिला मुख्यालय के समीप होने के कारण दर्जनों महिला-पुरुष आए दिन मछलियों को दाना डालने के लिए बांध पर आने लगे थे. लेकिन अब गर्मी का मौसम शुरू होते ही बांध में धीरे-धीरे पानी खत्म होता जा रहा है जिसके चलते अब श्रद्धालु मछलियों को दाने के साथ-साथ तालाब में टैंकर से पानी भी डाल रहे हैं.

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ऐसे में शनिवार को लोगों ने तकरीबन आधा दर्जन से अधिक पानी के टैंकर डलवा कर मछलियों को बचाने का प्रयास किया. वही मछलियों को दाना डालने वाले लोगों का कहना है कि धीरे-धीरे बांध में पानी खत्म होता जा रहा है वह हजारों की तादाद में मछलियां छटपटा कर मौत के मुंह में जा रही है लेकिन स्थानीय प्रशासन व स्थानीय ग्राम पंचायत भी मौन साधे हुए है. मछलियों को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा जिसके चलते अब श्रद्धालु ही अपने स्तर पर बांध में पानी भरने का प्रयास कर रहे हैं.

बता दें बांधों, तलाबों में जब पानी भरा रहता है तो दर्जनों श्रद्धालु और धार्मिक परवर्ती के लोग मछलियों को आटे की गोलियां और दाना डालने के लिए आने लग जाते हैं, लेकिन जब पानी की कमी से मछलियां दम तोड़ती दिखती है तो दाना डालने वाले श्रद्धालु भी बेचैन हो जाते हैं. जिसके चलते श्रद्धालु खुद मछलियों को बचाने के लिए टैंकरों से तालाबों में पानी भरवाते हैं. ऐसे में लोग अपनी स्थिति के अनुसार बांध में 1-2 पानी के टैंकर डालकर मछलियों के जीवनदान के प्रयास में जुटे हैं.

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