दौसा. प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा आज भी गरीबी और आर्थिक तंगी से परेशान है. कई गांव और इलाकों में बच्चे कुपोषण के भी शिकार हो रहे हैं. इसे देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से आंगनवाड़ी केंद्रों में न्यूट्री गार्डेन लगाने का निर्णय लिया गया है. यह न केवल बच्चों को कुपोषण से बचाएगा बल्कि उन्हें स्वस्थ भी रखेगा. इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को चिह्नित कर कवायद शुरू कर दी गई है.
आंगनबाड़ी केंद्रों पर बन रहे न्यूट्री गार्डेन बच्चे कुपोषण का शिकार ना हों और स्वस्थ रहें, इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में आंगनवाड़ी केंद्रों का चिह्नीकरण किया गया है. इसके लिए जिले में भी 72 आंगनबाड़ी केंद्रों में चयनित किया गया है. यहां जल्द ही न्यूट्री गार्डन बनाया जाएगा. न्यूट्री गार्डन में फलों के पौधे लगाने के साथ सब्जियां भी उगाई जाएंगी. इससे बच्चों को ताजी और हरी सब्जी खिलाई जा सकेंगी जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा.
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ताजे फल और सब्जियां खाने से बच्चों को भरपूर न्यूट्रीशन मिलेगा और और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी. कोरोना संक्रमण काल में बच्चो की इम्यूनिटी पावर स्ट्रॉंग होनी बहुत जरूरी है. ताजी हरी सब्जियां और फल बच्चों को उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से कुपोषण दूर हो और वे हमेशा स्वस्थ रहें.
महिला बाल विकास विभाग की ओर से पहल इसके लिए दौसा जिले 1546 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 72 केंद्रों में न्यूट्री गार्डन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जिला कलेक्टर पीयूष समारिया ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को शीघ्र ही आंगनवाड़ी केंद्रों में न्यूट्री गार्डन स्थापित करने के निर्देश दिए हैं. फिलहाल जिन आंगनवाड़ी केंद्रों में चारदीवारी और पानी की पर्याप्त व्यवस्था है वहीं पर न्यूट्री गार्डन लगाए जा रहे हैं.
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कलेक्टर पीयूष समारिया ने बताया कि जिले के 72 आंगनवाड़ी केंद्रों में न्यूट्री गार्डन स्थापित किए जा रहे हैं वहीं अन्य सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बेहतर रूप से विकसित किया जा रहा है. जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पानी, चारदीवारी और खुद का भवन निर्माण का कार्य भी किया जाएगा. जिला कलेक्टर समारिया ने बताया कि न्यूट्री गार्डन तैयार करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को 10 हजार रुपये का बजट भी अलग से दिया जा रहा है.