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लापरवाह प्रशासनः जब जातिप्रमाण पत्र बनवाने के लिए 'विधायक' को लगाने पड़े दफ्तरों के चक्कर...तो फिर आम आदमी का क्या - ओम प्रकाश हुडला

प्रशासन की लापरवाही के चलते छात्र की पूरी जिंदगी दांव पर लग गई. जिसके चलते महुआ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ओम प्रकाश हुडला सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं.

MLA Omprakash hudla news, दौसा न्यूज

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Published : Sep 16, 2019, 7:26 PM IST

दौसा. प्रशासन की लापरवाही के चलते छात्र की पूरी जिंदगी दांव पर लग गई. जिसके चलते महुआ विधायक ओमप्रकाश हुड़ला सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाते नजर आ रहे हैं. महुआ विधानसभा क्षेत्र के छात्र सुनील बैरवा का रेलवे में कोलकाता डिवीजन में कंपाउंडर पद पर चयन हुआ था.

दफ्तरों के चक्कर लगाते विधायक हुड़ला

जिसके लिए उसे 17 सितंबर को ज्वॉइनिंग डेट दी गई थी और साथ में सरकार द्वारा बनाए दस्तावेजों व जाति प्रमाण पत्र को आवश्यक रूप से मांगा गया था. जाति प्रमाण पत्र के लिए छात्र सुनील बैरवा ने 6 सितंबर को ऑनलाइन आवेदन कर दिया था जो कि महज उपखंड मुख्यालय पर एसडीएम के यहां बनना था. लेकिन, 6 सितंबर से लेकर 16 सितंबर तक छात्र का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से छात्र पूरी तरह परेशान होकर विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के पास पहुंचा.

जिसको लेकर विधायक ओम प्रकाश हुड़ला भी चिंतित हो गए. 1 दिन में जाति प्रमाण पत्र नहीं बना तो छात्र की पूरी जिंदगी दांव पर लग जाएगी. वहीं विधायक ओमप्रकाश हुड़ला का कहना है कि 10 दिन पहले आवेदन करने के बाद भी प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते छात्र का जाति प्रमाण पत्र नहीं बना. ऐसे में विधायक ओम प्रकाश हुड़ला खुद सोमवार सुबह से सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं.

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विधायक ओम प्रकाश हुड़ला ने बताया कि मंडावर क्षेत्र का तहसीलदार तो मंडावर लगता है लेकिन मंडावर के गांव में कुछ गांव के लिए एसडीएम महुआ तो कुछ के लिए एसडीएम बांदीकुई लगता है. जिसके चलते इस तकनीकी पेच में छात्र का जाति प्रमाण पत्र फंस गया. जो कि प्रशासन की घोर लापरवाही है. ऐसे में छात्र की पूरी जिंदगी दांव पर लगी हुई है.

हालांकि ओमप्रकाश ने यह भी कहा कि बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह जिला कलेक्टर से बात करके ऑफलाइन जाति प्रमाण पत्र बनाकर उन्हें उपलब्ध करवा देगी. लेकिन मामले को लेकर विधायक ओम प्रकाश हुड़ला का कहना है कि जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा हो रहा है तो आम आदमी का क्या होता होगा और इस घटना से यह साफ जाहिर भी हो जाता है कि यदि मामले को लेकर विधायक ओम प्रकाश हुड़ला इसमें हस्तक्षेप नहीं करते तो छात्र सुनील बैरवा का जाति प्रमाण पत्र बनने का व सरकारी नौकरी करने का सपना शायद कभी पूरा नहीं होता.

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