दौसा. कांग्रेस विधायक मुरारी लाल मीणा ने गुरुवार को तबादला नीति पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में तबादला नीति, तबादला उद्योग के नाम से चलता था. बीजेपी के राज में प्रिंसिपल के तबादले के तीन लाख रुपए और व्याख्याता के तबादले के लिए दो लाख रुपए लगते थे.
तबादला नीति पर विधायक मुरारी का बयान... उन्होंने कहा कि भाजपा वालों को लगता है कि जब भाजपा शासन में इस तरह पैसे लेकर तबादले किए जाते थे, वैसे ही अब भी हो रहा होगा. विधायक मीणा ने कहा कि वे भाजपा शासनकाल के ऐसे हजारों उदाहरण बता सकते हैं, जिनमें पैसे लेकर तबादले किए गए थे. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के शासनकाल में कोई एक भी उदाहरण नहीं गिना सकता है, विशेष तौर पर दौसा का.
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विधायक मीणा ने कहा कि यदि दौसा विधानसभा क्षेत्र में उनके कार्यकाल के दौरान कोई एक भी पैसे लेकर स्थानांनतरण का मामला सामने ला दे तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार द्वारा किए गए बैन के दौरान स्थानांनतरण पर भाजपा के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव नानी ने कांग्रेस सरकार को तबादला उद्योग पनपाने की बात कही थी. इसको लेकर दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा से जब बात की गई तो उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि भाजपा में तबादला उद्योग चलता था. इसलिए भाजपा को आज भी ऐसा ही लगता है कि अभी भी हालात ऐसे ही होंगे.