दौसा. खनिज विभाग के जिला कार्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर सालों से अवैध रूप से खनन किया जा रहा है, जिसको लेकर खनिज विभाग के आला अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं.
इसे खनिज विभाग की लापरवाही कहें या खनिज माफियाओं के साथ विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत, खनिज विभाग के जिला कार्यालय से महज 1 किलोमीटर दूरी पर धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है. बावजूद उसके अधिकारियों का रवैया खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते नजर नहीं आ रहा.
धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन बता दें, कि वर्तमान समय में भांकरी पहाड़ी पर कोई लीज खनिज विभाग की जारी नहीं हुई है. बावजूद उसके मजदूर खनन करने में लगे रहते हैं. जिला मुख्यालय के समीप जिस पहाड़ी में रोज अवैध रूप से खनन होता है, उससे महज 1 किलोमीटर दूरी पर भांकरी रोड पर ही खनिज विभाग का जिला कार्यालय है. लेकिन जिला कार्यालय में बैठे आला अधिकारियों का कहना है, कि मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी. खनन एरिया में रहने वाले लोगों का कहना है, कि दर्जनों ऐसे मौके हैं जब खनिज विभाग के आला अधिकारियों को इन खनन माफियाओं के खिलाफ लिखित में शिकायत दी जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय अधिकारी मौन साधे हुए हैं.
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ईटीवी भारत ने जब इसका जायजा लिया तो बहुत से मजदूर अवैध रूप से खनन में जुटे हुए थे. वहीं, सहायक माइनिंग इंजीनियर पिंकराव सिंह ने कहा, कि लॉकडाउन के चलते सभी माइंस बंद है. मजदूर अपने घर जा चुके हैं. जिले में कहीं पर भी अवैध रूप से खनन नहीं हो रहा है. जब उनसे जिला कार्यालय के समीप भांकरी पहाड़ी पर अवैध खनन को लेकर बात की गई तो, उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई मामला जानकारी में नहीं है. उन्होंने कहा, कि हम जांच करवाकर कार्रवाई करते हैं.
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विभाग कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठा
विभाग के आला अधिकारियों पर मिली भगत का शक यही से शुरू होता हैं, कि जब अपने कार्यालय से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर प्रतिदिन होने वाले अवैध खनन की जानकारी अधिकारियों को नहीं है तो तकरीबन 100 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले जिले में होने वाले अवैध खनन को लेकर खनिज विभाग कैसे कार्रवाई करने या अवैध खनन रोकने के दावे कर सकता है.
स्थानीय नागरिकों का कहना है, कि कॉलोनियां बनी हुई है. आए दिन पत्थर आने से कोई भी दुर्घटना होने का डर है जिसको लेकर कई बार खनन विभाग के अधिकारियों को अवैध रूप से हो रही खनन के लिए लिखित और मौखिक शिकायत देकर अवगत करवाया गया है, लेकिन विभाग कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे.