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पाबंदी के बावजूद प्रदेश में धड़ल्ले से हो रही अवैध शराब की बिक्री : पूजा छाबड़ा

पूर्ण रूप से प्रतिबंध के बावजूद माफियाओं की ओर से प्रदेश में रात 8 बजे के बाद भी धड़ल्ले से शराब बिक्री की जा रही है और लगातार नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. शराब मुक्ति आंदोलन की संयोजक ने इन बातों के जरिये प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

दौसा की खबर, e-cigarette ban

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Published : Oct 20, 2019, 6:29 PM IST

दौसा. शराब माफियाओं की ओर से शराब की बिक्री को लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है. प्रदेश सरकार द्वारा रात 8 बजे के बाद शराब बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध है. इसके बावजूद भी प्रदेश में रात 8 बजे के बाद धड़ल्ले से शराब बिक्री हो रही है. यह कहना है शराब मुक्ति आंदोलन की संयोजक पूजा छाबड़ा का. पूजा छाबड़ा रविवार को दौसा में एक निजी होटल में आयोजित धोबी समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में बोली कि उन्होंने समाज को नशे से दूर रहने व शराब से बचाने के लिए शपथ दिलाई है.

इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए पूजा छाबड़ा ने कहा कि मेरे पिताजी गुरु शरण जी छाबड़ा ने शराबबंदी के लिए धरना प्रदर्शन करते हुए शहादत दे दी. वहीं, पिछले 5 साल से मैं भी शराबबंदी के लिए लगातार आंदोलन कर रही हूं. गुरुशरण छाबड़ा ने बीजेपी के सामने लगातार आमरण अनशन किया. उसके बावजूद सरकार ने शराबबंदी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

शराब बिक्री को लेकर नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है

वहीं, अब वर्तमान कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री हमेशा से शराबबंदी के आंदोलन को समर्थन करते रहे हैं और हम कुछ महीनों से देख भी रहे है कि उन्होंने अपने मंच के माध्यम से भी कई बार नशा मुक्ति के लिए संदेश दिया है और कहा है कि मेरा व्यक्तिगत रूप से विचार है कि हमारे राजस्थान का युवा नशे से दूर रह सके. जिसके लेकर उन्होंने हुक्का बारों पर पाबंदी लगा दी. गुटखों और ई-सिगरेट पर भी पाबंदी लगाई है.

छबड़ा ने कहा कि हम राजस्थान की जनता से अपील करते हैं कि जनता सरकार पर दबाव बनाएं जिससे कि राजस्थान में भी शराबबंदी हो सके. गुजरात के मुख्यमंत्री की मजबूत इच्छाशक्ति के चलते वहां पर पूर्णत: शराबबंदी हो सकी. अगर राजस्थान सरकार की इच्छा शक्ति भी मजबूत हो तो यहां भी शराबबंदी की जा सकती है.

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हमने शराबबंदी को लेकर आंदोलन किया और लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. उसके बाद शराब के ठेकेदारों ने भी अपना संगठन बनाकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर दिया और सरकार के ऊपर दबाव बनाया कि शराब बिक्री पर सरकार गलत तरीके से पाबंदी लगा रही है.

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