दौसा.अनलॉक-2.0 में शुरू हो चुका है लेकिन पूरे देश और राजस्थान में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. ईटीवी भारत इन दिनों प्रदेश की ग्राम पंचायतों से ग्राउंड रिपोर्ट दिखा रहा है. इस रिपोर्ट के जरिए हम दिखाते हैं कि आखिर किस तरह से ग्रामीण कोरोना से लड़ रहे हैं. गांवों में रहने वाले लोगों की क्या समस्याएं हैं और इनसे निपटने के लिए ग्राम पंचायतें क्या कदम उठाए रही हैं?
दौसा जिले की सिकराय विधानसभा क्षेत्र के ब्राह्मण बैराड़ा ग्राम पंचायत के लोग कोरोना वायरस से बचने के लिए कई तरह की सावधानियां अपना रहे हैं. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत स्तर पर ही युवाओं की टीम बनाकर ग्रामीणों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए घर-घर जाकर जागरूक किया. गांव के लोग कहते हैं इस महामारी से लड़ाई में सबसे बड़ी भूमिका युवाओं ने ही निभाई है.
ब्राह्मण बैराड़ा ग्राम पंचायत में पंचायत भवन भी नहीं है और ना ही यहां कोई भी प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र है. आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है यहां, ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में ही आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जाता है.
हालातों का जायजा लेने के लिए हम पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे यहां हमारी मुलाकात विद्यालय के प्रधानाचार्य देवेंद्र मिश्रा से हुई. देवेंद्र कहते हैं कि ग्राम पंचायत जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी है. हमारे यहां शिक्षा का अभाव है अधिकांश लोग अशिक्षित हैं. यहां के ज्यादातर लोग मजदूरी और किसानी करते हैं इसके अलावा रोजगार की तलाश में दूसरे शहरों के लिए भी पलायन करते हैं लेकिन फिलहाल, करोना वायरस की वजह से ज्यादातर ग्रामीण शहरों से गांव लौट चुके हैं.
कोरोना वायरस को लेकर ग्रामीण सजग और सतर्क हैं. देवेंद्र कहते हैं कि लॉकडाउन की घोषणा होने के साथ ही पूरे गांव में इसकी चर्चा शुरू हो गई थी. लोगों ने इससे बचने के लिए सरकारी गाइडलाइंस की पालना की जिसकी वजह से ब्राह्मण बैराड़ा गांव अभी तक कोरोना वायरस से सुरक्षित है.
ग्राम पंचायत को सैनिटाइज किया-
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए ग्राणीणों ने कई बार ग्राम पंचायत को सैनिटाइज किया है. ग्राणीणों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान यहां दूसरे शहरों से भी कुछ ग्रामीण लौटे थे जिसकी वजह से डर था कि कभी कोरोना की एंट्री पंचायत में ना हो जाए, इसी को देखते हुए समय-समय पर पंचायत को सैनिटाइज किया गया साथ ही घरों को भी सैनिटाइज किया गया.
युवाओं की स्पेशल टीम-
ग्रामीण कप्तान सिंह डोई कहते हैं कि कोरोना से लड़ने के लिए पंचायत स्तर पर हमने युवाओं की एक स्पेशल टीम तैयार की. यह टीम पंचायत में आने और यहां से जाने वाले लोगों पर नजर रखती थी. इसके अलावा गांव के बाहर बैरिकेडिंग की गई. बाहर से आने वाले हर शख्स का रिकॉर्ड रजिस्टर में दर्ज किया किया ऐसा इसलिए किया गया ताकि, जरूरत पड़ने पर उस शख्स तक पहुंचा जा सके. यही नहीं पंचायत के कुछ भामाशाहों का भी सहयोग मिला जिन्होंने ग्राम पंचायत के सभी घरों को सैनिटाइज करवाया.