दौसा. जिला मुख्यालय पर एक के बाद एक कई बड़े हादसे हुए, लेकिन इन हादसों के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के फायर ब्रिगेड विभाग की. दरअसल, जिला मुख्यालय पर फायर ब्रिगेड के हालात इतने खस्ता है कि पिछले 5 वर्षों में एक के बाद एक कई बड़े अग्निकांड हो चुके हैं. जिसमें करोड़ों रुपए का माल जलकर खाक हो गया, लेकिन उसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन फायर ब्रिगेड को लेकर आज भी सुस्त नजर आ रहा है.
नगर परिषद में फायर ब्रिगेड की 2 बड़ी और 1 छोटी गाड़ियां हैं. दोनों गाड़ियां पुरानी हो चुकी है. लेकिन मजबूरी के चलते उन्हें भी काम में लिया जाता है. ऐसे में जब कहीं आग लगने की सूचना मिलती है, उन्हीं खटारा वाहनों को रवाना कर दिया जाता है. जो या तो रवाना नहीं होते और रवाना होते हैं तो घटनास्थल तक नहीं पहुंचते पाते.
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नगर परिषद के पूर्व निरीक्षक शरद नागर का कहना है कि जिला मुख्यालय की एक बहुत बड़ी समस्या है. क्योंकि जिला मुख्यालय पर अब तक कई बड़े अग्निकांड हो चुके, लेकिन जब भी कोई बड़ा अग्निकांड या हादसा होता है तो जयपुर से दमकल बुलाई जाती है. जिसके आते-आते आग में सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है. निरीक्षक शरद नागर ने बताया कि सैंथल मोड़ पर एक टायरों की दुकान में आग लग चुकी. एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में भी कुछ वर्षों पूर्व भीषण आग लगी है. इसके साथ ही शहर के सोमनाथ रिको एरिया में एक ऑयल फैक्ट्री में भी बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ था.
कई बड़े हादसे हो चुके
वहीं एक साल पहले शहर के बीचों-बीच एक कपड़े के शोरूम और घर में तीन मंजिली इमारत में भीषण आग लगी थी. जिसने पूरी तीन मंजिला इमारत जलकर धराशाई हो गई और करोड़ों रुपए के नुकसान के साथ एक बच्ची भी उस में जलकर मौत की नींद सो गई. लेकिन सिर्फ एक दमकल के भरोसे वहां भी आग बुझाने का प्रयास किया गया जो कि नाकाम रहा. क्योंकि जयपुर से दमकल के आते-आते पूरी तीन मंजिला इमारत राख में तब्दील हो गई. ऐसे में दौसा जिला मुख्यालय की सबसे गंभीर समस्या है फायर स्टेशन.