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चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार, मरीज लगाते रहे चक्कर - चिकित्सकों

आम जनता को बीमारियों से सुरक्षित रखने वाले डाक्टर आज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं. जिसको लेकर सरकार से सुरक्षा एक्ट की मांग करते हुए लेकर चिकित्सकों ने देशव्यापी हड़ताल शुरु कर की है. चिकित्सकों की हड़ताल से मरीजों को खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि इस दौरान चिकित्सक इमरजेंसी इकाई में बैठकर मरीजों को इलाज मुहैया कराया है.

दौसा में सुरक्षा एक्ट की मांग को लेकर चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार

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Published : Jun 17, 2019, 8:06 PM IST

दौसा. जिले में अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर सरकार से सुरक्षा एक्ट बनाने की मांग को लेकर दौसा में जिला चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया हैं. हालांकि इस दौरान चिकित्सक इमरजेंसी इकाई में बैठकर मरीजों को इलाज मुहैया करवाते रहे लेकिन चिकित्सकों के ओपीडी में नहीं मिलने से मरीज और उनके परिजन इधर-उधर भटकते नजर आए.

चिकित्सकों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों के साथ हुई हिंसा से सभी डाक्टर वर्गों में रोष हैं और साथ ही डर का भी महौल हैं. सरकार को इससे निपटने के लिये सुरक्षा एक्ट का गठन करना चाहिये. मरीज के परिजनों और चिकित्सकों के बीच आए दिन ऐसी कई घटनाएं होती रहती हैं जिससे डाक्टरों में असुरक्षा का महौल हैं. मरीज के परिजन किसी ने किसी बात को लेकर चिकित्सक के साथ अभद्र व्यवहार करते रहते हैं. जिसको लेकर चिकित्सकों ने सरकार से सुरक्षा एक्ट बनाने की मांग करते हुए सोमवार को कार्य का बहिष्कार किया.

दौसा में सुरक्षा एक्ट की मांग को लेकर चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार

चिकित्सक दीपक शर्मा ने बताया कि सरकार चिकित्सकों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए उनके लिए एक सुरक्षा एक्ट बनाएं. जिससे चिकित्सक खुद को सुरक्षित महसूस कर सके और ठीक ढंग से मरीजों का इलाज कर सके. छोटी जगहों पर अधिकांश चिकित्सक सुरक्षा का आभाव महसूस करते हुए मरीजों को बड़ी जगह के लिए रेफर कर देते हैं. यदि चिकित्सक खुद को सुरक्षित महसूस करता हैं तो रेफेर के बजाय अच्छी सेवा देने का प्रयास करेगा.

आगे दीपक शर्मा ने बताया कि मरीज हमारे अपने होते हैं और उनसे स्थानीय होने के नाते एक चिकित्सक का मरीजों से व्यक्तिगत जुड़ाव भी होता हैं. इसलिए अगर चिकित्सकों के लिए कोई सुरक्षा नियम बनते हैं तो सभी चिकित्सक अच्छे से मरीजों को सेवाएं दे पायेंगे. कार्य बहिष्कार का मरीजों को पता नहीं होने के चलते मरीज और उनके परिजन जिला अस्पताल में परेशान होकर भटकटे नजर आये.

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