दौसा. सरकारी कार्यालयों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है. लेकिन इस बीच अगर विभाग के कर्मचारी ही लापरवाही बरतने लगे तो विभागों में बदतर हालात और अधिक बढ़ जाते है. कुछ ऐसा ही देखने को मिला दौसा के जलदाय विभाग कार्यालय में जब उप जिला कलेक्टर ने निरीक्षण के लिए विभाग का दौरा किया तो उन्होंने खुद कुबूल किया कि विभाग में लग ही नहीं रहा कि यहां कोई सरकारी कामकाज भी होता है.
दौसा जलदाय विभाग के बदतर हालात किसी सरकारी कार्यालय की दुर्दशा शायद ही आपको कहीं ऐसी देखने को मिलेगी जैसी दौसा जलदाय विभाग के कार्यालय की है . गुरुवार को उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल शर्मा ने दौसा के जलदाय विभाग के सिटी कार्यालय का निरीक्षण किया . सरकारी कार्यालय खुलने का समय सुबह 9 बजे होता है. कार्यालय में 9:45 बजे तक उप जिला कलेक्टर निरीक्षण के लिए पहुंचे. विभाग में ताले लटके देख वो सन्न रह गए. कर्मचारी व अधिकारियों का कहीं अता पता नहीं था. उप जिला कलेक्टर को देखकर ऑफिस कार्यालय के पियोन आनन-फानन में सफाई में लग गए.
कार्यालय में लापरवाही का आलम इस हद तक तक सामने आया कि खिड़कियां व दरवाजे टूटे मिले. टॉयलेट सहित पूरे कार्यालय में बदबू व गंदगी इस कदर छाई हुई थी जिसको लेकर उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल शर्मा ने कर्मचारियों को जमकर लताड़ लगाई व विलंभ से आने वाले कर्मचारियों के रजिस्टर में क्रॉस भी लगा दिया. निरीक्षण को लेकर उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल शर्मा ने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि मेरा यह औचक निरीक्षण नहीं था. यह पहले से ही शिड्यूल तय होने के बावजूद तैयारियां तो दूर ऑफिस के ताले लटके पड़े हैं. कर्मचारी अनुपस्थित है. कार्यालय के हालत बद से बदतर है. अधिकारियों के चैंबर भी नहीं खुले. कर्मचारियों का उपस्थित रजिस्टर ताले में है.
उप जिला कलेक्टर ने कहा कि विभाग में ने जो ब्लीचिंग पाउडर शहर के पीने के पानी की टंकी में डालने के लिए ला रखा है. वह गंदगी से भरा पड़ा है जैसे कई सालों से पड़ा हो. उसके ऊपर छिपकली जैसे जहरीले जानवर घूम रहे है. जनता के पैसे को विभाग के कर्मचारियों द्वारा बर्बाद किया जा रहा है. उप जिला कलक्टर ने कहा कि इन सभी दोषी लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.