दौसा. गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार (Gehlot Cabinet Reorganization) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियों तेज हो गईं हैं. मंत्रियों को नए पद मिलने को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा (MLA Murari Lal Meena) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान विधायक मुरारी लाल मीणा ने कहा कि अब वह समय आ गया है कि जब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर प्रदेश की जनता और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उम्मीद पूरी होने को है.
विधायक मुराली लाल (MLA Murari Lal Meena) ने कहा कि अब वो टाइम आ गया है कि सबको साथ लेकर एक अच्छे और मजबूत मंत्रिमंडल का गठन किया जाए. खाली पदों को भरा जाए. सभी का एक ही प्रयास है कि 2023 के चुनाव में सब एक होकर कांग्रेस को वापस सत्ता में लाएं. जो परिपाटी राजस्थान में चली आ रही थी कि एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस, उसे बदला जाए. 2023 में फिर से कांग्रेस को सत्ता में लाया जाए.
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मंत्रिमंडल विस्तार के लिए (Gehlot Cabinet Reorganization) आने वाले नामों को लेकर विधायक मीणा ने कहा कि मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करता. मीडिया के माध्यम से ही हमें भी पता चल रहा है. उन्होंने कहा कि मेरे मंत्री बनने नहीं बनने से कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन मंत्री मंडल का जल्द गठन होगा जो सबको साथ लेकर आगे बढ़ाने वाला संगठन होगा. हाईकमान के फैसले के अनुसार सभी की सलाह को सम्मिलित किया गया है. प्रदेश प्रभारी अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट सभी ने फीडबैक लेकर सब की सलाह से मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया जा रहा है.
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केंद्र सरकार की ओर से कृषि विधायकों के वापस लेने के मामले को लेकर विधायक मुरारी लाल मीणा (MLA Murari Lal Meena) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित को ध्यान में रखकर इन कानूनों को वापस नहीं लिया, बल्कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के चलते स्वार्थ वश वापस लिया है. ऐसे में किसानों और देश की जनता का मोदी सरकार से भरोसा उठ गया है और इससे केंद्र सरकार को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief minister Ashok gehlot) के दौसा दौरे को लेकर विधायक ने कहा कि गहलोत साहब ने ईसरदा डैम को लेकर कहा था कि सबसे पहला हक दोसा का है. अब जब डैम बनकर पूरा होने वाला है तो कई जिलों के लोग उस पर मांग उठा रहे हैं. लेकिन सीएम गहलोत ने स्पष्ट कर दिया कि उस पर सबसे पहला हक दौसा जिले वासियों का है.