दौसा. जिला मुख्यालय से नेशनल हाईवे गुजरता है. ऐसे में महाराष्ट्र, गुजरात, यूपी और एमपी सहित कई राज्यों के प्रवासी मजदूर दौसा से होकर के निकलते हैं. आए दिन हजारों की तादाद में निकलने वाले मजदूर सैकड़ों हजारों किलोमीटर पैदल चलकर दौसा पहुंचते हैं. ऐसे में जब जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने इन मजदूरों के हालात को जाना तो चिलचिलाती धूप में चलने वाले मजदूरों के लिए उन्होंने नेशनल हाईवे पर देवनारायण गुर्जर छात्रावास में रहने के साथ-साथ खाने-पीने और रोडवेज के जरिए इनको अगले जिला मुख्यालय तक छोड़ने का जिम्मा भी उठाया.
दौसाः कलेक्टर ने ली प्रवासी मजदूरों की सुध, खाने-पीने का करवाया इंतजाम
लॉकडाउन के बाद रोजगार छीन जाने के कारण हजारों प्रवासी मजदूर अपने घरों के लिए लौटने को मजबूर हैं. ऐसे में हजारों किलोमीटर पैदल चल रहे ये मजदूर किसी से लिफ्ट लेकर अपनी-अपनी मंजिलों तक जा रहे हैं. जिसके बाद दौसा जिला कलेक्टर ने इन मजदूरों की सुध ली और इनके रहने के साथ-साथ खाने-पीने की व्यवस्था करवाई.
दौसा जिला कलेक्टर ने ली प्रवासी मजदूरों की सुध
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जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया, कि प्रवासी मजदूरों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए उनके रहने खाने-पीने का आराम करने का इंतजाम किया गया है. उन्हें जयपुर सहित आसपास के जिला मुख्यालय से जाने वाली बसों में बैठाकर अपने प्रदेश के लिए रवाना किया जा रहा है. अभी शनिवार को भी 70 मजदूरों को जयपुर से ट्रेन में बैठाकर बिहार के लिए रवाना किया गया है.