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Special Report : फाइलों में सिमटा 'स्वच्छ भारत मिशन'...दौसा में नहीं हो रहा घर-घर कचरा संग्रहण

कचरा प्रबंधन में दौसा नगर निगम पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ है. आबादी के साथ बढ़ती गंदगी के बीच प्रबंधन के इंतजाम सिमटते गए. जिले की कॉलोनियां गंदगी से अटी पड़ी हैं, लेकिन घर-घर कचरा संग्रहण की गाड़ियां नगर निगम ऑफिस के बाहर ही खड़ी हुई हैं. सड़कों और नालियों में फैला कचरा इंसान, जीव-जंतुओं को बीमार कर रहा है या पर्यावरण को. इसकी किसी को फिक्र नहीं है. देखें यह खास रिपोर्ट...

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फाइलों में सिमटा स्वच्छ भारत मिशन

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Published : Sep 14, 2020, 3:43 PM IST

दौसा. एक तरफ तो सरकार स्वच्छ भारत की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ गंदगी से अटी कॉलोनियों की ये तस्वीर, जो स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत को बयां कर रही हैं. दौसा जिला मुख्यालय पर नगर परिषद द्वारा सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कई स्टाफ रखे गए हैं और इसके लिए दर्जनों वाहन चलाए जा रहे हैं. उसके बाद भी हालात यह है कि जिला परिषद से मुख्यालय की सफाई व्यवस्था कंट्रोल नहीं हो रही है.

दौसा में 'स्वच्छ भारत मिशन' की जमीनी हकीकत...

घर-घर तक नहीं पहुंच रही गाड़ियां...

बात करें घर-घर कचरा संग्रहण कि तो नगर परिषद द्वारा तकरीबन डेढ़ दर्जन वाहन घर-घर कचरा संग्रहण के लिए चलाए जा रहे हैं. एक वाहन पर 2 लोगों का स्टाफ भी लगाया गया है, लेकिन उसके बाद भी सफाई व्यवस्था जैसी की तैसी बनी हुई है. घर-घर कचरा संग्रहण की गाड़ियों को कॉलोनियों में गए ही जमाने हो गए. ऐसे में कॉलोनीवासी अपने घर से निकलने वाले कचरे को आसपास ही डालने के लिए मजबूर हैं. जिसके चलते कॉलोनी में गंदगी, कीचड़ और बदबू की भरमार है.

निगम ऑफिस में खड़ी हुई हैं गाड़ियां...

गंदगी से अटी कॉलोनियां...

इस गंदगी से कॉलोनीवासी पूरी तरह परेशान हैं, लेकिन करें भी तो क्या, क्योंकि लगभग पिछले 3 माह तक लगातार सफाई कर्मियों की हड़ताल चली. इसके बाद सफाई कर्मियों के टेंडर भी निरस्त कर दिए गए. इस हड़ताल और टेंडर से हालात और भी बदतर हो गए, लेकिन नगर परिषद ने 10 अगस्त को फिर से टेंडर करवा कर सफाई व्यवस्था सुचारू की, जो अभी तक पटरी पर नहीं आई है.

सुअर शहर में फैला रहे गंदगी...

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कॉलोनी वासियों का कहना है कि लंबे समय पहले कॉलोनी में कचरा संग्रहण के लिए नगर परिषद की गाड़ियां आया करती थीं, लेकिन वह भी सिर्फ कॉलोनी के मुख्य मार्गों से चक्कर लगाकर निकल जाया करती थीं और लोग अपने घरों का कचरा घरों में सिमट कर रह जाते थे. जब तक महिलाएं घर में रखी डस्टबिन को लेकर गाड़ी तक पहुंचती, उससे पहले तो गाड़ी निकल जाया करती थी. जिसके चलते महिलाएं मजबूरी में घर से लेकर आए हुए कचरे को कॉलोनी में डाल दिया करती थीं, जो की गंदगी और बदबू का मुख्य कारण बनता जा रहा है. ऐसे में जिला मुख्यालय पर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चौपट है.

गंदगी से अटी नालियां...

कोरोना के कारण सफाई व्यवस्था हो गई है अव्यवस्थित : निगम आयुक्त

नगर परिषद आयुक्त सुरेंद्र मीणा का कहना है कि पिछले कुछ समय में शहर की सफाई व्यवस्था अव्यवस्थित हो गई है, उसे वापस पटरी पर लाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है. अभी घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था पूरी तरह से सुचारू नहीं कर पा रहे हैं. जल्द ही शहर की सफाई व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी और घर-घर कचरा संग्रहण की गाड़ियां हम फिर से व्यवस्थित कर लेंगे.

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