दौसा.जिले में सीएमएचओके तुगलकी फरमान को लेकर अब प्रदेश भाजपा ने CMHO के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों का कहना है कि जिस विभाग के पास कोरोना कंट्रोल का जिम्मा है, उस विभाग के दौसा जिले का मुखिया ही आम जनता को मौत के मुंह में धकेलने का काम कर रहा है. ऐसे लापरवाह और गैरजिम्मेदार अधिकारी से जनता को बचाने की कैसे उम्मीद की जा सकती है.
दौसा CMHO का कोरोना को लेकर एक आदेश चर्चा में...भाजपा ने की कार्रवाई की मांग
दौसा सीएमएचओ की ओर से निकाला गया एक आदेश विवादों में आ गया है. आदेश में कोरोना संक्रमण होने के बाद भी लक्षण नहीं होने पर कर्मचारियों को ड्यूटी पर आने को कहा गया है. भाजपा के कई विधायकों ने दौसा सीएमएचओ मनीष चौधरी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बता दें, दौसा सीएमएचओ मनीष चौधरी ने हाल ही में एक आदेश निकाला था जिसके जरिए कहा गया था कि चिकित्सा विभाग के वे कार्मिक जो कोरोना पॉजिटिव हैं, लेकिन जिनके सिम्टम्स नहीं हैं वे अपने कार्यालय में आकर रेगुलर कार्य करें. इसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई. भाजपा के चौमू विधायक रामलाल शर्मा ने भी सरकार पर सवालिया निशान खड़ा किया है. खंडार विधायक जितेंद्र गोठवाल ने भी सीएमएचओ के इस आदेश पर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
विधायक जितेंद्र गोठवाल ने कहा कि चिकित्सा विभाग कोविड जैसी महामारी से बचने के लिए जनता के लिए काम कर रही है. लेकिन, लापरवाह अधिकारी जनता को मौत के मुंह में झोंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि CMHO का पॉजिटिव कार्मिकों को ऑफिस में बुलाकर अन्य कार्मिकों और आम लोगों की जान को जोखिम में डालने का कार्य किया है. ऐसे विधायक ने सरकार से लापरवाह चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
गौरतलब है कि दौसा सीएमएचओ मनीष चौधरी ने हाल ही में एक आदेश निकाला था. जिसमें कोरोना पॉजिटिव लोगों को भी ऑफिस में आकर कार्य करने के निर्देश दिए थे. हालांकि, उसके बाद सीएमएचओ ने संशोधित आदेश निकाल दिए और अपने आदेश को वापस ले लिया. लेकिन, इस मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई और भाजपा ने इसे मुद्दा बना लिया. भाजपा ने अब सीएमएचओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.