दौसा. किसी व्यक्ति के नाम में समानता का फायदा उठाकर लोग कितना बड़ा फर्जीवाड़ा कर सकते है, इसका एक बड़ा मामला दौसा में सामने आया है. जहां एक ठेकेदार ने मृत व्यक्ति के नाम से उसी के साथी का नाम और पिता का नाम मिलता-जुलता होने का फायदा उठाकर मृत की जगह जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जीवाड़े से बनवा लिया और मृतक को मिलने वाला लाभ को डकार गया. जिसके चलते मृतक के परिजन और उसकी विधवा पत्नी पिछले 10 सालों से न्याय के लिए जगह-जगह गुहार लगा रही है.
फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर धोखाधड़ी क्या है पूरा मामला
यह मामला कोलवा थाना क्षेत्र के भावता भाटी गांव का है. मृतक के परिजन ने बताया कि 2010 में जयराम पुत्र तेजराम विशाखापट्टनम किसी कंपनी में मजदूरी करने के लिए गया था. उसके साथ गांव के ठेकेदार कजोड़ में लाल मीणा और कुछ ग्रामीण भी उसके साथ गए. विशाखापट्टनम में काम के दौरान जयराम की फैक्ट्री में मौत हो गई. जिसके बाद ठेकेदार कजोड़ मल मीणा ने फर्जीवाड़ा किया. जिसमें मृतक जयराम के अन्य साथियों में से एक साथी भी था, जिसका नाम मृतक से मिलता जुलता था. उस युवक का नाम भी जयराम था. इसी नाम की समानता का फायदा उठाते हुए ठेकेदार ने फर्जी सर्टिफिकेट बनावा दिया.
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साथ ही पोस्टमार्टम करने वाले अस्पताल से लेकर ग्राम पंचायत तक उसने मृत्यु प्रमाण पत्र में जयराम पुत्र तेजराम की जगह जयराम पुत्र बलराम तेजराम जुड़वा दिया. यहां तक कि ग्राम पंचायत में भी सर्टिफिकेट जय राम पुत्र तेजराम के नाम से बना दिया फिर फर्जीवाड़े में उसी प्रमाण पत्र में बलराम अलग से जोड़कर दूसरा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया. जिससे कि मृतक के परिजनों को फैक्ट्री इंश्योरेंस कंपनी से मिलने वाला लाभ आज तक नहीं मिला. फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र से ठेकेदार ने मृतक को मिलने वाला सारा लाभ हड़प लिया.
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मामले को लेकर मृतक के साले राकेश मीणा ने मार्च 2019 में फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राम पंचायत के सरपंच सेक्रेटरी और मुख्य आरोपी ठेकेदार कजोड़ के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया. मृतक के साले का आरोप है कि पिछले 1 साल से इस मामले में पुलिस मामले की जांच में शिथिलता बरत रही है. वहीं मृतक के परिजन न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं. फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का लाभ लेने वाले लोग भी पुलिस की पहुंच से दूर है.