दौसा. महिला एवं बाल विकास विभाग में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आंगनबाड़ी कार्यक्रताओं ने अपनी मांगों को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है. उनसे पूरा काम लेने के बाद भी उन्हें पर्याप्त वेतन नहीं मिल रहा और जो वेतन मिल रहा है उसमें उनके बच्चों को पालना और परिवार की आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी स्थायित्व प्रदान करते हुए 18 हजार रुपए वेतन और शिक्षकों का दर्जा देने की मांग की.
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आंगनबाड़ी कर्मचारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की जिला महामंत्री सुशीला शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी कर्मी लंबे समय से सरकार से अपनी मांगों को लेकर बार-बार ज्ञापन देकर ध्यान आकर्षण करा रही है लेकिन सरकार ने कोई उचित कदम अभी तक नहीं उठाया है. साथ ही कहा कि बजट में मानदेय बढ़ाकर 18 हजार करने, आंगनबाड़ी में कार्यरत कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, सामाजिक सुरक्षा देकर उन्हें उचित श्रेणी में शामिल करने, आंगनबाड़ी में कार्यरत सभी कर्मचारियों को भविष्य निधि, पेंशन, ग्रैजुएटी, चिकित्सा सुविधा दिए जाने, सभी कर्मियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह त्यौंहारों पर और आकस्मिक अवकाश दिये जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा.