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सावधान! नेशनल हाईवे पर खड़े हैं 'यमदूत', जरा सी चूक वाहन चालकों की छीन रही सांसें

दौसा का नेशनल हाइवे-21 इन दिनों यमदूतों का डेरा बना हुआ है. अगर आप यहां यात्रा करते हैं तो आपकी सुरक्षा की गारंटी नेशनल हाइवे कंपनी नहीं लेती है. ऐसे में थोड़ी सी चूक वाहन चालकों को दौसा NH से यमलोक की सैर करवा सकती है. पढ़िए ये विशेष खबर...

Dausa news, राजस्थान न्यूज
दौसा NH पर आवारा पशुओं का आतंक

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Published : Sep 16, 2020, 10:08 AM IST

दौसा.दौसा का नेशनल हाइवे सुरक्षित यात्रा के बजाय आपको यमलोक की यात्रा करवा सकता है. NH पर इन दिनों यमदूत के रूप में आवारा पशु तैनात हैं. जिससे वाहन चालक इन दिनों मौत के साये में NH पर सफर करने के लिए मजबूर हैं.

जिले का NH-21 इन दिनों मौत के अड्डे का पर्याय बन चुका है. नेशनल हाइवे पर सफर करनेवाले वाहन चालक और राहगीरों पर मौत का साया मंडरा रहा है. बता दें कि इन दिनों नेशनल हाइवे पर वाहनों की जगह आवारा पशुओं का बसेरा बन गया है. इन दिनों NH पर जगह-जगह आवारा पशु देखे जा रहे हैं. ऐसे में यदि आप अनजान या बेफिक्र होकर अपना वाहन चलाते हैं तो हाइवे पर बैठे ये यमदूत रूपी आवारा पशु कभी भी आपको काल का ग्रास बना सकते हैं.

दौसा NH पर आवारा पशुओं का आतंक

बता दें कि पिछले कुछ महीनों से NH पर सड़क दुर्घटनाओं के मामले बढ़ गए हैं. यहां आवारा पशुओं के कारण दुर्घटनाग्रस्त होकर दर्जनों लोग काल के गाल में समा चुके हैं. ऐसे में राहगीरों में आक्रोश है कि NH पर हाइवे कंपनी को टैक्स चुकाने के बाद भी कोई सुरक्षति सफर नहीं कर सकता है.

दो बार टोल टैक्स चुकाने के बाद भी सुरक्षित यात्रा की गारंटी नहीं

बात करें नेशनल हाइवे की तो जयपुर से महुआ के बीच महज 110 120 किमी की दूरी तय करने से पहले दो जगह टोल टैक्स चुकाना होता है. वाहन चालक टोल बकायदा भरते हैं लेकिन नेशनल हाईवे कंपनी आप को सुरक्षित सफर की कोई गारंटी नहीं देती.

रोड पर पशुओं का जमावड़ा

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हाइवे पर आवारा पशुओं से आए दिन होने वाली दुर्घटनाएं इसका जीता जागता सबूत है. अब तक आवारा पशुओं से दुर्घटना में 12 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन हाइवे कंपनी की तरफ से कोई समाधान करने का प्रयास नहीं किया गया.

रात में NH पर सफर खतरे से खाली नहीं

वहीं इन सड़कों पर मुसीबत तब और बढ़ जाती है, जब रात होती है. रात में अंधेरा होने की वजह से जानवरों के कारण संकट और बढ़ जाता है. वाहन चालकों का कहना है कि कई बार पेड़ और झाड़ियों के पीछे से अचानक जानवर निकलकर गाड़ी के सामने आ जाते हैं. जिससे कई बार चालकों का संतुलन बिगड़ा है और ये चोटिल हो गए हैं.

रात को बढ़ जाती है परेशानी

इस मामले को लेकर उप जिला कलेक्टर पुष्कर मित्तल का कहना है कि हमने हाइवे कंपनी को पहले भी कई बार नोटिस दिए हैं. अब भी कंपनी के लिए पाबंद किया है कि वह अपने मोबाइल यूनिट गाड़ी हाइवे के चक्कर लगाने के लिए लगाएं और आवारा पशुओं को सड़क से हटाएं. पुष्कर मित्तल का कहना है कि हम भी प्रयास कर रहे हैं कि हाइवे पर आने वाले आवारा पशुओं को गोशाला में शिफ्ट करवा कर राजगीरों को दुर्घटनाओं से निजात दिलाया जाए.

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