जयपुर/दौसा. कोरोना काल में दौसा जिले में लॉकडाउन हुआ है. हालांकि, लॉकडाउन होने पर ना तो बाजार बंद हुए हैं और ना ही कोई रोक लगी है. आखिर ये किस तरह का लॉकडाउन है इस रिपोर्ट में देखिए.
दौसा में बच्चे का नाम रखा लॉकडाउन अब तक लोग अपने पसंदीदा अभिनेता और राजनेता के नाम पर अपने बच्चे का नाम रखते आए हैं, लेकिन कोरोना महामारी ने लोगों की पूरी लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है. देश में कोरोना के कारण लॉकडाउन लगाया गया. अब इस लॉकडाउन का असर ये है कि दौसा में एक दंपति ने अपने बेटे का नाम लॉकडाउन रखा है.
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए 22 मार्च को प्रदेश में लॉकडाउन लगाया गया. इसके साथ ही शहर के बाजार सूने हो गए और वाहनों के पहिए थम गए. साथ ही ऑफिस और शिक्षण संस्थानों पर ताले भी लग गए. हालांकि, करीब 70 दिन बाद लॉकडाउन खुला तो आम जीवन दोबारा पटरी पर लौट रहा है. इसी बीच दौसा में लॉकडाउन का जन्म हुआ. दरअसल, 14 मई को पेमाराम की धर्मपत्नी सुनीता देवी ने कुंडल स्थित राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बच्चे को जन्म दिया.
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जिसके बाद उन्होंने बच्चे का नाम बर्थ सर्टिफिकेट पर लॉकडाउन मीणा लिखवाया है. इस बर्थ सर्टिफिकेट पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुंडल के चिकित्सा अधिकारी की मोहर और साइन भी मौजूद है. खैर, लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में 1 लाख से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया. अब उन बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट भी बनने शुरू हो गए हैं.