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फर्जी तरीके से फाइनेंस करवा खरीदे सवा दो लाख के मोबाइल, फिर ठगी करने आए, तो पुलिस ने किया गिरफ्तार

दौसा की एक मोबाइल शॉप पर फर्जी तरीके से फाइनेंस करवा करीब सवा दो लाख के मोबाइल खरीद लिए. लेकिन दुकानदार को पैसा नहीं मिला. जब यही ठग दोबारा ठगी करने आए, तो पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

4 arrested in fraud case
फर्जीवाड़े के 4 आरोपी गिरफ्तार

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 27, 2023, 8:01 PM IST

दौसा. जिले की कोतवाली थाना पुलिस ने ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का खुलासा करते हुए बुधवार को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. दरअसल, आरोपियों ने 24 दिसंबर को दौसा में स्थित झलक मोबाइल पॉइंट से फाइनेंस पर 2 मोबाइल खरीदे. जिनकी कीमत सवा दो लाख रुपए थी. इस दौरान केवाईसी अपडेट करने के बाद भी दुकान मालिक के खाते में रुपए नहीं आए. इस पर दुकान मालिक ने फाइनेंस कंपनी से खाते में रुपए नहीं आने का कारण पूछा. इसके बाद दुकान मालिक को अपने साथ हुई ठगी की वारदात का पता चला.

क्या है पूरा मामला: पुलिस के अनुसार पीड़ित मोबाइल दुकानदार ने ठगी का मामला दर्ज कराया था. जिसमें उसने बताया कि 24 दिसंबर को शाम करीब 7 बजे एक हरियाणा नंबर की कार आई. जिसमें से 4-5 लड़के उतरे. उन्होंने फाइनेंस पर दो मोबाइल खरीदे. जिनमें एक मोबाइल की कीमत 1 लाख 55 हजार रुपए और दूसरे मोबाइल की कीमत 75 हजार रुपए थी. मोबाइल खरीदने के बाद आरोपियों ने पेन कार्ड और आधार कार्ड नंबर दिया. जिसके आधार पर पीड़ित ने केवाईवी अपडेट कर ओटीपी के आधार पर मोबाइल फोन का बिल जारी कर दिया. लेकिन जब रुपए खाते में नहीं आए तो, फाइनेंस कंपनी से संपर्क किया. इस दौरान फाइनेंस कंपनी ने बताया कि उक्त आरोपी इसी तरह मोबाइल विक्रेताओं के साथ धोखाधड़ी करते हैं.

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कैसे देते हैं वारदात को अंजाम: पुलिस के अनुसार गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद यहाया (33) पुत्र मोहम्मद जकरिया, शहजाद (25) नाजीर निवासी नूंह हरियाणा की नूंह में मोबाइल की शॉप है. जिन्हें फाइनेंस पर मोबाइल खरीदने का अच्छा अनुभव है. ऐसे में मोबाइल कंपनियों द्वारा इनको टैब और फाइनेंस के लिए एप्लीकेशन उपलब्ध करवाई हुई है. जिसके कारण उक्त आरोपी जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्तियों के पेन नंबर सर्च करते हैं. वहीं मोबाइल फाइनेंस की एप्लीकेशन में जीएसटी रजिस्टर्ड व्यक्तियों के पेन नंबर भरकर लोन के लिए आवेदन करते हैं.

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सिविल अच्छी होने कर करते मिलते-जुलते नाम का इस्तेमाल: इस दौरान पेन धारक की सिविल अच्छी होने पर जीरो डाउन पेमेंट पर फाइनेंस कंपनी द्वारा लोन अप्रूवल होने पर, पेन धारक के मिलते-जुलते नाम के अपने साथी का आधार कार्ड लगवाकर केवाईसी करवाते हैं. इसके बाद बिना डाउनपेमेंट दिए मोबाइल खरीद लेते हैं. वहीं फर्जी तरीके से लिए मोबाइल को खुद की दुकान से फर्जी बिल जारी कर बेच देते हैं. ऐसे में पेन धारक द्वारा ईएमआई नहीं भरने कर उसे फाइनेंस कंपनी द्वारा डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है. पुलिस के अनुसार उक्त आरोपी एक गैंग के रूप में कार्य करते हैं. वारदात के बाद ठगी के रुपयों को सभी आरोपी आपस में बांट लेते हैं.

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दुबारा ठगी करने आए, तो पुलिस ने दबोचा: कोतवाली थाना प्रभारी हीरालाल सैनी ने बताया कि घटना के बाद पीड़ित को कार के नंबर याद थे. ऐसे में उक्त आरोपी फिर से ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए दौसा में अन्य जगह मोबाइल शॉप पर आए थे. इस दौरान पीड़ित दुकानदार ने आरोपियों की गाड़ी को पहचान लिया और पुलिस को सूचना दी. इस दौरान मौके पर पहुंचकर पुलिस ने आरोपी मोहम्मद यहाया (33) पुत्र मोहम्मद जकरिया, शहजाद (25) पुत्र नाजीर, मोहम्मद रिजवान (24) पुत्र उमर मोहम्मद और मुस्तकीम (27) पुत्र रशीद अहमद निवासी नूंह हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही आरोपियों के कब्जे से ठगी किए गए मोबाइल और एक कार जब्त कर ली.

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