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Hanuman Jayanti 2022: सालासर में दाढ़ी मूंछों वाले बालाजी, लाखों की संख्या में लेते हैं दर्शन लाभ

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Published : Apr 16, 2022, 10:09 AM IST

Updated : Apr 16, 2022, 8:20 PM IST

सालासर धाम की महिमा अपरम्पार है. बालाजी धाम में सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं और भगवान के दर्शन पा निहाल हो जाते हैं. इनकी महिमा से जुड़े किस्से भी कई हैं. खास बात है यहां बालाजी भगवान की. विश्व के इकलौते हनुमान जी जिनकी प्रतिमा में दाढ़ी और रौबीली मूंछे (Balaji Idol With Mustaches and beard in Salasar) हैं!

Balaji Idol With Mustaches and beard
मूंछों वाले बालाजी

चूरू.हनुमान जयंती पर सालासर (Salasar dham on Hanuman Jayanti) में श्रद्धालुओं का मेला सा लगा है. पवनपुत्र के दर्शनार्थ लम्बी कतारें देखने को मिल रही हैं. सालासर धाम में लाल ध्वजाएं लहराती नजर आ रही है. चारों और बालाजी के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. श्री हनुमान जयंती पर मंदिर परिसर भी दमक उठता है. श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर दिख रहा है. चैत्र पूर्णिमा के लक्खी मेले में लाखों की तादाद में श्रद्धालु बालाजी के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. धीरे-धीरे मेला परवान चढ़ने लगा है. लोग अनंत मन्नतों और मान्यताओं के साथ मूंछों वाले बालाजी के दर्शन लाभ लेने आते हैं. बताया जाता है कि सालासर बालाजी संभवत दुनिया के एकमात्र भगवान हनुमान हैं जो दाढ़ी मूंछों के साथ विराजमान (Balaji Idol With Mustaches and beard in Salasar) है. इस हनुमत रूप से जुड़ी कहानियां भी कई हैं. खासतौर पर भक्त मोहनदास से जुड़ी.

भक्त की मनुहार और प्रकट भए हनुमान: बताया जाता हैं कि हनुमानजी के एक भक्त मोहनदास ने काफी पूजा अर्चना और तपस्या की थी. अपने भक्त की भक्ति से प्रसन्न हो हनुमानजी ने मोहनदास को दाढ़ी मूंछ में ही दर्शन दिए. कहते हैं अपने ईश्वर को जिस रूप में मोहनदास ने देखा उसने उनसे भविष्य में उसी रूप में दर्शन देने का वचन भी लिया. कहते हैं वचन को पूरा करते हुए सालासर बालाजी एक जाट के खेत में प्रकट हुए. जब जाट खेत हल चला रहा था तब उसका हल एक पत्थर से टकराया और उसने पत्थर को साफ करके देखा तो उसमें बालाजी नजर आए. जिसके बाद सालासर धाम में बाद में उसी स्वरूप में स्थापित किया गया.

मूंछों वाले बालाजी

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बाबा की धूणी भी खास: यहां बालाजी की धूणी भी काफी चमत्कारी (Balaji Miraculous Dhuni) बताई जाती है. कहते हैं इसे बालाजी के भक्त मोहनदास ने 300 वर्ष पूर्व जलाई थी जो आज भी जल रही है. ये धूणी अखंड ज्योत के रूप में जल रही है. सालासर बालाजी धाम पर चैत्र माह की पूर्णिमा और आश्विन माह की पूर्णिमा को मेला लगता. बताया जाता हैं कि इन मेले में 5 से 7 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं.

उमड़ेगा जन सैलाब सुरक्षा चाक चौबंद:बाबा के भक्त हाथ में लाल ध्वजाएं लिए हुए ढोल नगाड़ों पर नाचते झूमते सालासर पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु सालासर बालाजी की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखाई नजर आ रहे हैं. बाबा के जयकारों के साथ लाईन में लगकर श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर रहे हैं. बालाजी महाराज के लक्खी मेले को लेकर प्रशासन ने भी कमर कस रखी है. यहां सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद है. 800 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को मेले की कमान सौंपी गई है. जिनमें आरएसी के जवान व बंदूकधारी स्पेशल टीम को तैनात किया गया है. साथ ही सादा वर्दी में भी अलग-अलग जगहों पर जवानों को लगाया गया है ताकि मेले की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके. लक्खी मेले के लिए ही अलग-अलग मेला मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं. हनुमान सेवा समिति में बनाए गए कंट्रोल रूम में सीसीटीवी कैमरे के जरिए मेले पर पैनी नजर रखी जा रही है.

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हनुमान जयंती पर जगह जगह भंडारे:देश के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित अनेक हिस्सो से बाबा की एक झलक पाने के लिए सालासर में हजारों श्रद्धालु (Balaji Idol With Mustaches and beard in Salasar) पहुंच रहे हैं.दर्शन करने के बाद भक्त सुख समृदि्ध व इच्छापूर्ति के लिए मन्नत का नारियल बांधकर कामना कर रहे हैं. व्यापार में बढ़ोतरी के लिए भी बाबा से मन्नत मांगते नजर आ रहे हैं. देश के कोने-कोने से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पर भंडारे लगाए गए हैं. इन भंडारों में सेवादार भक्तों की सेवा में जुटे हुए हैं. चाय, कॉफी, पानी व खाने की व्यवस्था इन भंडारों में की गई है. जिनमे भक्त विश्राम कर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं. सेवादारों ने पैदल चलकर आने वाले श्रद्धालुओं की मेडिकल की भी व्यवस्था कर रखी है ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो.

Last Updated : Apr 16, 2022, 8:20 PM IST

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