चूरू. जिला कलेक्ट्रेट जहां जिले के सभी उच्च अधिकारी बैठते है. जहां जिले का कलेक्टर बैठता है. उसी कलेक्ट्रेट को आने वाले सड़क मार्ग पर पिछले दस महीनों से पानी के लीकेज से सड़कों में गड्ढे हो गए. लेकिन, जिम्मेदार अधिकारियों ने कभी उस पानी के लीकेज को सही करवाने की जहमत नहीं उठाई. नतीजन धीरे-धीरे सड़क टूटती गयी और हादसे होते गए.
जिस सड़क मार्ग से जिले के तमाम अधिकारी काटते हैं हर रोज दो चक्कर, वहां सड़क बनी दरिया - चूरू कलेक्ट्रेट
चूरू के जिन विभागों का काम है शहर और जिले की समस्याओं का समाधान करना. उन्ही विभागों की नाक के नीचे पिछले दस महीने से सड़क पर पानी के लीकेज से करोड़ों की लागत से बनी सड़क टूटी हुई है. पानी के लीकेज के चलते आज सड़क पर चलने वाले राहगीरों को इस पार से उस पार जाने के लिए पगडंडियों का सहारा लेना पड़ रहा है.
जो सड़क मार्ग जिले के सभी विभागों के आने जाने का मुख्य रास्ता है. वह मार्ग दो कालोनियों का भी मुख्य रास्ता है. ऐसे में बाइक सवार यहां ना जाने कितनी ही बार हादसे का शिकार हो गए. लेकिन, किसी ने समस्या का समाधान कराना उचित नहीं समझा.
जहां सड़क पानी के लीकेज की वजह से टूटी है. वहां से दस कदमों की दूरी पर ही स्थित है जलदाय विभाग और 300 मीटर की दूरी है जिला कलेक्ट्रेट. सभी विभागों के अधिकारी इस मार्ग से सुबह और शाम आना जाना करते हैं. लेकिन, लग्जरी कारों में आने जाने वाले अधिकारियों ने कभी आम जनता की इस समस्या की और कभी ध्यान नहीं दिया.