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चूरू में अनशन पर बैठे उर्दू समर्थकों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

चूरू में उर्दू संघर्ष समिति के सदस्यों का विरोध जारी है. 8वें दिन समिति के सदस्यों मांगें पूरी नहीं होने पर 22 जुलाई से आमरण अनशन की चेतावनी है. उन्होंने कहा है कि मांगें पूरी नहीं होने पर हम सरकार और प्रशासन के साथ आर-पार की लड़ाई करने को मजबूर होंगे.

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Published : Jul 12, 2019, 10:31 PM IST

विरोध कर रहे उर्दू संघर्ष समिति के सदस्य

चूरू.जिला कलेक्ट्रेट पर 8वें दिन आठवें दिन उर्दू समर्थक अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठे. उर्दू समर्थकों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी जाती है तो 22 जुलाई से हम आमरण अनशन करेंगे.

दरअसल, राजस्थान उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के इन सदस्यों का कहना है कि हम राजस्थान सरकार की उर्दू विरोधी नीतियों के विरुद्ध यह धरना दे रहे हैं. प्रदेश में उर्दू भाषा के विकास एवं संरक्षण के लिए लंबे समय से राजस्थान उर्दू संघर्ष समिति प्रयासरत है मगर पूर्व सरकार की भांति वर्तमान सरकार का भी उर्दू भाषा के प्रति उदासीन रवैया नजर आ रहा है.

अनशन पर बैठे उर्दू समर्थकों ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

बता दें कि 5 जुलाई से उर्दू बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य धरना दे रहे हैं. विरोध के आठवें दिन शुक्रवार को उन्होंने सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है. उन्होंने मांगें पूरी ना होने की स्थिति में 22 जुलाई से आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है.

उर्दू संघर्ष समिति की मांगें-

  • प्रदेशभर में ग्रेड थर्ड, सेकंड व फर्स्ट के उर्दू विषय के नवीन पद सृजित किए जाएं.
  • स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर समाप्त किए गए थर्ड ग्रेड, सेकंड ग्रेड व फर्स्ट ग्रेड के उर्दू पदों को पुनः सृजित हों.
  • प्रदेश में नव स्थापित महात्मा गांधी विद्यालयों में उर्दू भाषा के भी पद तुरंत सृजित किया जाए.
  • प्रदेश के समस्त डाइट में उर्दू व्याख्याता के पद सृजित किए जाएं.
  • राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित परीक्षा द्वितीय वेतन श्रृंखला उर्दू विषय के 117 पदों को बढ़ाकर न्यूनतम 400 किए जाए.

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