सरदारशहर (चूरू).आज के समय में पालतू पशुओं को भी हम जंजीरों से बांधकर नहीं रखते हैं, लेकिन कुछ लोग इस कदर बदकिस्मती लेकर आते हैं कि उनका जीवन ही उनके लिए अभिशाप बन जाता है. कुछ ऐसा ही जीवन बिता रहे हैं चूरू के सरदारशहर से 24 किलोमीटर दूर रूपलिसर पंचायत के गांव ढाणी देगा के गिरधारी राम ढाका.
गिरधारी राम 3 साल से भी ज्यादा वक्त से एक पेड़ से जंजीरों में जकड़े हुए हैं. पेड़ के नीचे धूप और बारिश से बचाने के लिए तिरपाल लगाकर छत बनाई गई है. गिरधारी की सुबह भी यहीं होती है और शाम भी यहीं. यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति को गिरधारी बस इसी आशा भरी नजरों से देखता है कि कोई आएगा और उसे इन जंजीरों से मुक्त करवाएगा.
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ग्रामीणों का कहना है कि मानसिक स्थिति खराब होने के चलते परिवार के लोगों ने गिरधारी को जंजीरों से जकड़ दिया है. हालांकि ग्रामीणों का यह भी कहना है कि गिरधारी की मानसिक स्थिति ज्यादा खराब नहीं है, यदि उचित इलाज मिल सके तो निश्चित ही गिरधारी अपना जीवन सही प्रकार से गुजार सकता है. लेकिन गिरधारी का इलाज पैसे के अभाव में नहीं हो पाया है.
साथ ही बताया कि गिरधारी की परिवार की स्थिति बहुत दयनीय है, जिसके चलते ग्रामीण प्रशासन से गिरधारी के इलाज के लिए गुहार लगा चुके हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से इस ओर कोई कदम नहीं उठाए गए. जिसका नतीजा यह है कि तीन साल से एक बुजुर्ग जंजीरों में जिंदगी जीने को मजबूर है.
हमारे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब गिरधारी से उनके बारे में पूछा, तो गिरधारी ने हर सवाल का जवाब ऐसे दिया, मानो उसे कुछ हुआ ही नहीं हो. इससे यह तो साफ हो जाता है कि यदि गिरधारी का उचित इलाज किया जाए, तो वह निश्चित ही सही होकर अपना जीवन अच्छे से बिता सकता है.
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