चूरू.4 करोड़ 38 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित चूरू के राजकीय लॉ कॉलेज के अच्छे दिन आ गए. इस कॉलेज में विकास के लिए अब ना तो रुपयों के लिए किसी से गुहार लगानी पड़ेगी औऱ ना ही किसी की सिफारिश की जरूरत होगी. करोड़ो रूपये के विकास कार्य यूजीसी के माध्यम से कॉलेज में करवाए जा सकेंगे. बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह यूनिवर्सिटी ने चूरू के राजकीय लॉ कॉलेज को स्थाई मान्यता दे दी है. इससे बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता का अनुमोदन प्राप्त करने में भी आसानी रहेगी और यूजीसी से भी मान्यता प्राप्त कर विकास कार्यों के लिए बजट प्राप्त किया जा सकेगा.
चूरू के राजकीय लॉ कॉलेज को यूनिवर्सिटी की स्थाई मान्यता मिली - recognition of university
चूरू के राजकीय लॉ कॉलेज के अच्छे दिन आ गए है. कॉलेज को यूनिवर्सिटी की स्थाई मान्यता मिल गई है. अब कॉलेज के लिए यूजीसी से ग्रांट लेने की राह आसान हो गई है.
प्राचार्य डॉक्टर श्रवण कुमार सैनी ने बताया कि कॉलेज की मान्यता के लिए विश्वविद्यालय की टीम ने निरीक्षण किया था टीम ने भवन, मूट कोर्ट, पुस्तकालय, स्टाफ आदि सभी सुविधाएं यूनिवर्सिटी के नॉर्म्स के अनुसार मिले. बता दें कि गत 12 वर्षों से खुद के भवन को तरस रहे जिले के एक मात्र राजकीय विधि महाविद्यालय का साल 2017 में भवन बनकर तैयार हुआ था. जिसका तत्कालीन ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने इसका लोकार्पण किया था. अब यूजीसी के माध्यम से करोड़ो रुपए के विकास कार्य हो सकेंगे.