सरदारशहर (चूरू). कहते हैं योग में बड़ी ताकत होती है. योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है. यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है. मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है. विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है. स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है.
जैसे-जैसे हम विकास करते गए वैसे-वैसे हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों ने प्रवेश करना शुरू कर दिया. हालात ऐसे हैं कि लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं और बीमारी से मुक्ति पाने के लिए डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाने के साथ मोटी रकम भी खर्च कर रहे हैं. आज हम आपको एक ऐसे शख्स से रूबरू कराने जा रहे हैं. जिन्होंने योग से ही सारी बीमारियों को मात दे दी है और दूसरों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं.
यह कहानी है सरदारशहर तहसील के गांव पिचकराई ताल के रहने वाले शिव भगवान भाकर की. 74 साल की उम्र पार कर चुके शिव भगवान आज भी ऐसी दौड़ लगाते हैं कि नौजवान तक को शर्म आ जाएगी. वो योग की ऐसी कठिन से कठिन मुद्राएं करते हैं, जिसे देखकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे.
योग से हुए निरोग
एक समय में कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो चुके शिव भगवान को योग का ऐसा सहारा मिला कि वे आज पूरी तरह स्वस्थ हैं और लोगों को भी योग करने की सलाह दे रहे हैं. शिव भगवान के योग शुरू करने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है.
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दरअसल, 2001 में शिव भगवान भाकर को 2 बार हार्ट अटैक आया. जिसके बाद उनका जीवन दवाइयों पर ही निर्भर हो गया. साथ ही डॉक्टरों ने कई प्रकार की खाने-पीने की पाबंदी भी लगा दी थी. डॉक्टर ने यहां तक कह दिया कि अगर आपने कभी घी और 100 ग्राम से ज्यादा दूध का सेवन करना उनके लिए खतरनाक हो सकता है. उन्होंने हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद 3 महीने तक दवाइयां ली. लेकिन कोई फायदा नहीं मिला और शरीर में जलन रहने लगी.
परेशान शिव भगवान बीमारी से निजात पाने के लिए दूसरा रास्ता ढूढ़ने लगे. इसके बाद रामदेव बाबा से प्रेरणा लेकर उन्होंने धीरे-धीरे घर पर ही योग करना शुरू कर दिया.
ऐसे बदल गई जिंदगी
बात 2007 की है. भाकर योग को अच्छी तरह से समझने और सीखने के लिए पतंजलि योग शिविर गए और वहां जाकर तो जैसे उनकी जिंदगी बदल ही गई. 2007 के बाद भाकर नियमित रूप से सुबह 4 बजे उठकर प्रतिदिन 2 किलोमीटर दौड़ते हैं. रोज 3 घंटे योगासन के साथ-साथ खूब उठक-बैठक लगाते हैं.
शिव भगवान कहते हैं कि अब जब वे योग करते हैं तो उन्हें किसी भी चीज से परहेज करने की जरूरत नहीं पड़ती है. भाकर का कहना है कि वे हर दिन 2 से 3 किलो दूध पीते हैं और जमकर घी भी खाते हैं.
योग ने अपना ऐसा चमत्कार दिखाया कि अब भाकर ने अपनी सभी बीमारियों से पीछा छुड़ा लिया है. अब शिव भगवान किसी प्रकार की कोई दवा नहीं लेते हैं. हार्ट की प्रॉब्लम तो बहुत दूर की बात है. अब उन्हें खांसी-जुकाम तक नहीं होता है.