चूरू. आमतौर पर जहां लोग सांप को देखकर डरते हैं और उसे अपने घर से दूर भगाने का प्रयास करते हैं, वहीं सरदार शहर के विनोद तिवाड़ी सांप को पकड़ उन्हें आम लोगों की पहुंच से दूर रख सांपों की जिंदगी बचा रहे हैं. सरदार शहर के वार्ड 17 में रहने वाले विनोद तिवाड़ी गांधी विधा मंदिर में एक सुपरवाईजर की नौकरी करते हैं. 8 साल की उम्र से ही विनोद तिवाड़ी को सांप पकड़ने का शौक लगा था जो आज स्नेक मैन के नाम से शहर में मशूहर हैं.
चूरू में 'स्नेक मैन' के नाम से मशहूर इस शख्स ने बचाई हजारों सांपों की जिंदगी तिवाड़ी को बचपन में लगा ये शौक अब इन सांपों की जिन्दगी बचाने का मकसद बन गया है. अब वे आम लोगों के लिए खतरा बने सांपों और उनसे लोगों दोनों को ही बचा रहे हैं. सरदारशहर में रहते हुए विनोद तिवाड़ी ने आस पास के क्षेत्र में गांवों में भी सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ा है. शहर व गांवों में से कई प्रकार के सांपों को पकड़ा है. अब तक विनोद ब्लेक मांबा, रेट स्नेक, ढोर, धामन, करैत, काले नाग नागिन, गोयरा, कोबरा आदि अनेक जहरीलें सांपों को पकड़कर जंगल में छोड़ चुके हैं.
तिवाड़ी ने बताया कि बरसात के समय अधिक सांप निकलते हैं. बिल में बारिश का पानी घुस जाने से वे अपने को सुरक्षित रखने के लिए घर या घर के आसपास छिपने की कोशिश करते हैं. आम लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं है. सांप भी इंसान से डरता है वो भी बचने की कोशिश करता है. उसके साथ छेड़छाड़ नहीं करें. घर में सांप घुस जाने पर शांत रहें. एक साधारण परिवार में जन्में विनोद तिवाड़ी आज स्नेक मास्टर या स्नेक मैन के नाम से जाने जाते हैं. उनका कहना है कि अब से शौक नहीं रहा सांपों की जिन्दगी बचाना एक मकसद बन गया है.
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इसी के साथ वह बताते हैं कि उन्हें कई बार सांप काट भी लेते हैं लेकिन उन्हें गौरखनाथजी महाराज व गोगाजी महाराज की कृपा से उसका उन पर कोई असर नहीं होता है. उन्हें ऑफिसों और घरों में सांप आने पर बुलाया जाता है और पकड़ने पर पांच सौ या हजार रुपए भी दिए जाते है. वे इन रुपयों को जमाकर किसी गरीब लड़की की शादी में दे देते है या गौशालाओं में गौवंश के लिए दान करते है.