रतनगढ़ (चूरू). पर्यावरण से लेकर हमारे जीवन तक पर प्लास्टिक का बुरा असर सामने आ रहा है, फिर भी प्लास्टिक का उत्पादन बढ़ता ही जा रहा है. सरकार सिंगल यूस प्लास्टिक को बैन भी कर चुकी हैं. लेकिन किसी न किसी तरीके से हम इसका इस्तेमाल करते ही आ रहे हैं. जो हमारे लिए खरतनाक है. वहीं चूरू की एक रिटायर्ड शिक्षिका ने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए 10 हजार कपड़े के थैले बनाए हैं. साथ ही लोगों को मुफ्त में बांटा भी है.
65 साल की श्रीमती यशोदा शर्मा रतनगढ़ के वार्ड नंबर 3 में रहती हैं. जो एक सेवानिवृत्त अध्यापिका हैं. यशोदा शर्मा ने बताया कि 15 अगस्त को पीएम मोदी ने प्लास्टिक मुक्त भारत बनाने का आव्हान किया था. जिसके बाद से उन्होंने कपड़े के थैले बनाने शुरू किए और पीएम के जन्मदिन पर 1100 थैले बनाकर लोगों में बांटा था. इसके साथ ही मोदी जी को उनकी फोटो लगे पांच थैले डाक से भिजवाए थे.
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अखबार की गलती की वजह से मिली प्रेरणा
1100 थैले बनाने के की खबर अखबारों में छपी थी. लेकिन प्रिंटिंग मिस्टेक की वजह से 1100 की जगह समाचारवालों ने 10000 लिख दिया था. फिर क्या था योशदा को और भी थैले बनाने की प्रेरणा मिल गई. यशोदा के घरवालों ने टोका भी की आखिर इतनी संख्या में थैले बनाना मुश्किल है वो भी इस उम्र में. लेकिन यशोदा बताती हैं कि उन्होंने हार नहीं मानी और 10000 थैले बनाने का प्रण लिया. थैले बनाने में उनकी बहु वर्षा ने उनकी काफी मदद की. यह काम आज भी जारी है.
वहीं यशोद कहती हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना से जीतने के दो ही मार्ग हैं. एक तो सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरा फेस कवर करना यानी मास्क पहनना. इस समय जहां बाजारों में फेस कवर महंगे मिल रहे हैं, तो वे कोरोना महामारी के दौर में रामबाण बने मास्क को बनाने का काम कर रही हैं. साथ ही लोगों को फ्री में बांट भी रही हैं.