सुजानगढ़ (चूरू).सुजानगढ़ कस्बे के निकटवर्ती गांव गुलेरिया में एक राजूराम नाम का व्यक्ति पिछले 2 साल किसी तरह की मदद ना मिलने से लाचार बिस्तर पर पड़ा हुआ है. एक हादसे में पैर जख्मी हो जाने और इलाज कराने में सक्षम नहीं हो पाने के कारण राजूराम कठिनाई से अपना जीवन गुजार रहा है. राजूराम नायक पिछले दो साल से अपने एक पैर के इलाज के लिए तरस रहा है.
हालात ऐसे हैं कि पीड़ित राजू के घर में कमाने और उसकी देखभाल करने लिए परिवार में एक बूढ़ी मां के सिवाय कोई नहीं है. बूढ़ी मां भी काम करके के घर चलाने में असमर्थ है. मां को मिलने वाले पेंशन से इनका बमुश्किल गुजर-बसर हो रहा है. ऐसे में ये गरीब बेचारे इलाज के लिए पैसे कहां से लेकर आए. वहीं अब तक सरकारी स्तर पर राजूराम की मदद के कोई प्रयास नहीं हुए हैं.
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बूढ़ी मां के अलावा कोई नहीं...
गरीब राजूराम नायक के परिवार में उसकी मां के अलावा कोई नहीं है. राजूराम की मां 65 साल की बनारसी देवी अपनी वृद्धावस्था पेंशन के 1 हजार रुपये से सारा घर खर्च चलाती है. चलने, घूमने, उठने बैठने में असमर्थ राजूराम नायक की सेवा करने वाला और कोई नही है. कई बार निजी स्तर पर लोग सहायता करते हैं, तो कुछ दिन कम तकलीफों से गुजरते हैं. लेकिन तकलीफ होती जरूर है.
काम के दौरान हुआ था हादसा...
30 साल के लाचार युवक राजूराम ने बताया कि वह आरसीसी ढ़लाई के मजदूर का काम करता था. करीब 2 साल पहले गनोड़ा रोड पर उसका बायां पैर ढलाई की मशीन से कुचल गया. उसके बाद उसको सुजानगढ़ के बगडिया अस्पताल लाया गया. जिसके बाद उसे सीकर रेफर किया गया.