चूरू. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पुलिस का राजनीतिकरण, पार्टीकरण और कांग्रेसीकरण राजस्थान में पहले कभी नहीं हुआ, वह अब हो रहा है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था जर्जर है.
डीजीपी के वीआरएस को लेकर राठौड़ का बयान साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान डीजीपी के अपॉइंटमेंट का मामला आज सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. सर्वोच्च न्यायालय कोई निर्णय करता इससे पहले वीआरएफ ले लिया. सरकार ने बेजा इस्तेमाल किया, पूरे पुलिस तंत्र का जब चाहा विद्रोही एमएलए के विरुद्ध पुलिस को सक्रिय कर दिया और जब चाहा निष्क्रिय कर दिया. ऐसे डीजीपी को उपकृत करने के लिए शायद सरकार कोई नया पैंतरा अब खेल रही है.
राजस्थान का किसान कांग्रेस के पैतरे में नही आएगा
वहीं राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार जो विधेयक लेकर आई है, वो दशकों पुरानी मांग है. किसान अपनी फसल का मालिक है, जो जहां चाहे वहां बेचेगा. लेकिन अब कांग्रेस पार्टी किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. राठौड़ ने कहा विधेयक में साफ लिखा है कृषि उपज मंडी की व्यवस्थाएं यथावत जारी रहेगी, जो किसान कृषि उपज मंडी से बाहर किसी को भी अपनी फसल को बेचेगा उसमें कोई कर या फीस नहीं लगेगी.
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साथ ही कहा कि कृषि उपज मंडी के अंदर जो टैक्स है वह राजस्थान के अंदर देश में सर्वाधिक है. सर्वाधिक मंडी टैक्स लगाने वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार सरकार अब राजभवन की ओर कूच कर रही है. यह दोहरा चरित्र है सरकार का किसान अब गुमराह होने वाला नहीं है. उन्होंने कहा एक किसान के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन और दशकों पुरानी मांग जिसे मोदी सरकार ने पूरा किया है. इसलिए किसान अपने भले को सोचता है समझता है. इस प्रकार के कांग्रेस के पैतरे में राजस्थान का किसान नहीं आएगा.